WTC 2025-27 का पहला मुकाबला, बिना रोहित-कोहली के उतरेगी टीम इंडिया
भारतीय टेस्ट क्रिकेट का एक नया अध्याय 20 जून से शुरू होने जा रहा है। इंग्लैंड के हेडिंग्ले मैदान में शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज भारत के लिए सिर्फ एक विदेशी दौरा नहीं, बल्कि नेतृत्व, धैर्य और रणनीति की कठिन परीक्षा है। यह मुकाबला न केवल शुभमन गिल के नेतृत्व में टीम इंडिया की पहली बड़ी परीक्षा होगी, बल्कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025-27 के नए चक्र की भी शुरुआत है।
कोहली-रोहित के युग का अंत, गिल पर नई जिम्मेदारी
रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद भारतीय टेस्ट टीम एक संक्रमणकाल से गुजर रही है। कोहली ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा, जबकि रोहित शर्मा पहले ही लाल गेंद के प्रारूप से दूरी बना चुके थे। ऐसे में चयनकर्ताओं ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए 24 वर्षीय शुभमन गिल पर भरोसा जताया है। गिल, जिन्होंने बल्लेबाजी से अपनी प्रतिभा को पहले ही साबित किया है, अब पहली बार टेस्ट कप्तानी की चुनौती के लिए तैयार हैं।
पिछली जीत का इतिहास और पुरानी हार की परछाइयाँ
भारत ने आखिरी बार इंग्लैंड में 2007 में टेस्ट सीरीज जीती थी, वह भी राहुल द्रविड़ की कप्तानी में। तब भारत ने तीन टेस्ट की सीरीज में 1-0 से ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। लेकिन इसके बाद भारत को इंग्लैंड की धरती पर सफलता नहीं मिल सकी। 2011 में धोनी की कप्तानी में टीम को 4-0 से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी थी, और तब से लेकर अब तक भारत इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है।

अभ्यास में भी रणनीति का संकल्प
नई टीम प्रबंधन ने इस बार तैयारियों में गोपनीयता बरती है। टीम ने अभ्यास मैच को सार्वजनिक करने की बजाय खाली स्टेडियम में इंट्रा-स्क्वाड मुकाबला खेला। इसके पीछे कारण यह था कि विपक्षी टीम को भारत की रणनीति या खिलाड़ियों की स्थिति की भनक न लगे। यह कदम दर्शाता है कि टीम इस बार कुछ नया और चौंकाने वाला लेकर आ सकती है।
डब्ल्यूटीसी में दोबारा शीर्ष की ओर
भारत इस बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में पिछली असफलताओं को पीछे छोड़कर नए आत्मविश्वास के साथ उतरना चाहेगा। पिछली दो डब्ल्यूटीसी चक्रों में भारत फाइनल तक पहुंचा लेकिन खिताब जीतने में नाकाम रहा। अब नए कप्तान और एक नई सोच के साथ भारतीय टीम अपने अभियान की शुरुआत कर रही है। हालांकि, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों से पिछली टेस्ट सीरीज में मिली हार यह भी दिखाती है कि भारत को कई स्तरों पर सुधार करने की ज़रूरत है — खासकर विदेशी पिचों पर बल्लेबाज़ी और तेज गेंदबाज़ों की संयोजन रणनीति में।
गिल-गंभीर की जोड़ी की अग्निपरीक्षा
कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल की जोड़ी पहली बार किसी बड़ी टेस्ट सीरीज में साथ काम कर रही है। गंभीर की आक्रामक सोच और गिल की शांत शैली अगर सही तालमेल में आ जाए, तो भारत के लिए यह संयोजन गेमचेंजर साबित हो सकता है।
अब देखना यह होगा कि गिल की अगुवाई में भारतीय टीम इस चुनौतीपूर्ण इंग्लैंड दौरे को किस अंदाज में खेलती है — क्या वह 2007 जैसी ऐतिहासिक जीत दोहरा पाएगी, या एक बार फिर अंग्रेजी हालात उसके इरादों पर भारी पड़ेंगे।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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