वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 जारी: अमेरिका शीर्ष 10 से बाहर

नई दिल्ली/वाशिंगटन।

दुनिया में सबसे खुशहाल देश कौन सा है? इस सवाल का जवाब लगातार आठ वर्षों से एक ही आ रहा है— फिनलैंड। हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर द्वारा वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 जारी की गई, जिसमें फिनलैंड ने फिर से पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं, अमेरिका शीर्ष 10 देशों की सूची से बाहर हो गया है, और भारत को 118वां स्थान मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, डेनमार्क, आइसलैंड, स्वीडन, और नीदरलैंड भी शीर्ष 5 में शामिल हैं।

🔹 वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 के मुख्य निष्कर्ष

फिनलैंड लगातार आठवीं बार सबसे खुशहाल देश बना।
अमेरिका टॉप 10 देशों की सूची से बाहर, अब 24वें स्थान पर।
भारत 118वें स्थान पर पहुंचा, बीते साल 126वें स्थान पर था।
कोस्टा रिका और मेक्सिको पहली बार शीर्ष 10 में शामिल।
अफगानिस्तान दुनिया का सबसे दुखी देश बना, 147वें स्थान पर।
ग्लोबल हैप्पीनेस स्कोर के आधार पर देशों की रैंकिंग तैयार की गई।

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🔹 दुनिया के 10 सबसे खुशहाल देश (2025)

रैंकदेशहैप्पीनेस स्कोर (10 में से)
1फिनलैंड7.9
2डेनमार्क7.6
3आइसलैंड7.5
4स्वीडन7.4
5नीदरलैंड7.3
6कोस्टा रिका7.2
7नॉर्वे7.1
8इज़राइल7.0
9लक्ज़मबर्ग6.9
10मेक्सिको6.8

🔹 भारत की स्थिति और पड़ोसी देशों की तुलना

भारत की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन फिर भी यह पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से पीछे है। 2022 में भारत 136वें स्थान पर था, 2023 में 126वें स्थान पर आया, और अब 118वें स्थान पर पहुंचा है

देश2025 रैंक2024 रैंक
भारत118126
पाकिस्तान109108
नेपाल9293
चीन6864
अफगानिस्तान147146

🔹 क्या भारत में लोग खुश नहीं हैं?

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, राजनीतिक अस्थिरता, पर्यावरण संकट और सामाजिक असमानता जैसे कारण नागरिकों की खुशी को प्रभावित कर रहे हैं। हालांकि, भारतीय समाज में पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत बताया गया है, जो कई अन्य देशों की तुलना में भारत को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाते हैं


🔹 आखिर फिनलैंड इतना खुशहाल क्यों है?

रिपोर्ट के मुताबिक, फिनलैंड की सफलता का रहस्य इस प्रकार है:

बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं – नागरिकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली मुफ्त चिकित्सा।
बेहतरीन शिक्षा प्रणाली – विश्वस्तरीय शिक्षा प्रणाली और मुफ्त शिक्षा।
कम भ्रष्टाचार – सरकारी प्रणाली में पारदर्शिता और न्यूनतम भ्रष्टाचार।
सामाजिक सुरक्षा – नागरिकों के लिए मजबूत सामाजिक सहायता और पेंशन प्रणाली।
प्राकृतिक सौंदर्य और मानसिक शांति – हरे-भरे जंगल, झीलें और कम प्रदूषण।
बेहतर कार्य-जीवन संतुलन – प्रति सप्ताह औसतन 30-35 घंटे का वर्किंग शेड्यूल।


🔹 क्या भारत टॉप 50 में आ सकता है?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दे तो वह 2030 तक टॉप 50 देशों में आ सकता है:

1️⃣ बेरोजगारी को कम किया जाए – नई नौकरियों का सृजन किया जाए।
2️⃣ स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो – मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जाएं।
3️⃣ महंगाई को नियंत्रित किया जाए – खाद्य और आवासीय महंगाई को रोका जाए।
4️⃣ प्राकृतिक आपदाओं से बचाव – जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कदम उठाए जाएं।
5️⃣ मजबूत सामाजिक सुरक्षा – सामाजिक असमानता को खत्म किया जाए।


वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 से साफ जाहिर होता है कि सिर्फ आर्थिक संपन्नता से खुशहाली नहीं आती। इसके लिए सामाजिक सुरक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पारदर्शी शासन प्रणाली का होना जरूरी है। भारत को अभी लंबा सफर तय करना है लेकिन हालिया सुधार एक सकारात्मक संकेत हैं।

📌 क्या भारत आने वाले वर्षों में टॉप 50 में जगह बना सकता है? अपनी राय कमेंट करें!

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