वर्ल्ड फूड इंडिया 2025: पीएम मोदी बोले, भारत बनेगा ग्लोबल फूड हब, 20 गुना बढ़ा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत अब केवल कृषि उत्पादन का केंद्र नहीं, बल्कि दुनिया के लिए खाद्य प्रसंस्करण और नवाचार का वैश्विक हब बनने की ओर बढ़ रहा है। यह आयोजन 25 से 28 सितंबर तक चलेगा और इसमें 90 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, 2000 से ज्यादा प्रदर्शक और हज़ारों उद्यमी, विशेषज्ञ और निवेशक हिस्सा ले रहे हैं।


खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में हुई प्रगति

प्रधानमंत्री ने बताया कि बीते एक दशक में भारत के फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में 20 गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र ने न केवल उद्योग को मजबूती दी, बल्कि लगभग 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


निवेश और नवाचार पर ज़ोर

मोदी ने कहा कि यह आयोजन भारत में खाद्य प्रसंस्करण को लेकर निवेश और नवाचार के नए अवसर खोलेगा। उन्होंने विशेष रूप से कूल चेन, गुणवत्ता नियंत्रण, तकनीकी विकास और पोस्ट-हार्वेस्ट लॉस कम करने पर ध्यान देने की आवश्यकता जताई। साथ ही यह भी कहा कि छोटे और मझोले उद्यमों को मज़बूत कर भारत एमएसएमई आधारित विकास का मॉडल दुनिया को दिखा सकता है।


आत्मनिर्भर भारत और ग्लोबल संदेश

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत “वोकल फॉर लोकल” के मंत्र के साथ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता के कारण भारत वैश्विक खाद्य आपूर्ति श्रृंखला का अहम हिस्सा बन सकता है।


आयोजन की खासियतें

  • कार्यक्रम में B2B, B2G और G2G मीटिंग्स होंगी।
  • 14 थीम पवेलियन में प्लांट बेस्ड फूड, न्यूट्रिशन एंड हेल्थ, सस्टेनेबिलिटी, स्पेशलिटी फूड्स जैसे क्षेत्रों पर फोकस होगा।
  • 1000 से ज्यादा मेले, रियल यूथ कॉन्फ्रेंस और हस्तशिल्प आयोजन के जरिए जनता तक संदेश पहुँचाया जाएगा।
  • पीएमएफएमई योजना के तहत 770 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिंक्ड सहायता 26,000 लाभार्थियों तक पहुँचाई जाएगी।

भारत की वैश्विक स्थिति

कार्यक्रम में जापान, संयुक्त अरब अमीरात, रूस और वियतमान जैसे देश फोकस कंट्री, जबकि न्यूजीलैंड और सऊदी अरब पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल हैं। मोदी ने कहा कि भारत की कोशिश है कि वह खाद्य निर्यात और प्रसंस्करण क्षेत्र में ऐसा मॉडल प्रस्तुत करे जिससे किसानों की आय बढ़े और दुनिया को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण और सस्ती खाद्य सामग्री उपलब्ध हो।


चुनौतियाँ और अवसर

प्रधानमंत्री ने माना कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अभी भी कई चुनौतियाँ हैं, जैसे –

  • किसानों तक तकनीक और बाजार की पहुँच
  • कोल्ड स्टोरेज और लॉजिस्टिक अवसंरचना
  • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के बारे में लोगों की भ्रांतियाँ

लेकिन उन्होंने विश्वास जताया कि यदि सरकार, उद्योग और किसान मिलकर काम करें तो भारत अगले दशक में वैश्विक खाद्य शक्ति के रूप में उभर सकता है।