- दिल्ली-एनसीआर में तेज़ आंधी और बारिश का खतरा मंडरा रहा है, वहीं केरल में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं।
- मौसम विभाग ने उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक के कई राज्यों में येलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किए हैं।
नई दिल्ली। देश के उत्तर से दक्षिण तक मौसम ने अचानक रौद्र रूप धारण कर लिया है। एक ओर जहां दिल्ली-एनसीआर में तेज़ आंधी और बारिश का खतरा मंडरा रहा है, वहीं केरल में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। उधर, महाराष्ट्र में पिछले पांच दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 16 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक के कई राज्यों में येलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किए हैं।
उत्तर भारत में तेज़ हवाएं और ओलावृष्टि की आशंका
दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार शाम को धूल भरी आंधी चलने के बाद मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी किया है। दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भी अगले तीन दिन तक गरज-चमक और तेज़ हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। उत्तर प्रदेश में ओलावृष्टि की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अचानक मौसम परिवर्तन पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने का परिणाम है।
केरल में बाढ़ जैसे हालात, रेड अलर्ट जारी
केरल में भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेज हवाओं ने पेड़ों को उखाड़ दिया, कई इलाकों में जलभराव और भूस्खलन की स्थिति बन गई। वायनाड, कोझिकोड, इडुक्की और कन्नूर जैसे पहाड़ी इलाकों में लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। आईएमडी ने इडुक्की, कन्नूर और कासरगोड के लिए रेड अलर्ट, जबकि अन्य 11 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कबानी, मणिमाला और कोरापुझा जैसी नदियों में जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ रहा है।
समुद्री खतरा भी बढ़ा, मछुआरों को चेतावनी
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र के मुताबिक केरल के तटीय क्षेत्रों में 1.2 से 3.7 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। मछुआरों और समुद्री किनारे रहने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
महाराष्ट्र में बारिश से जानमाल का नुकसान
महाराष्ट्र में बारिश की वजह से भूस्खलन, बिजली गिरने और संरचनाएं ढहने की घटनाओं में 16 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही 41 मवेशियों की भी जान गई है। राज्य सरकार ने यह जानकारी एक आपदा प्रबंधन रिपोर्ट में दी है।
क्या है आगे का पूर्वानुमान?
देश भर में जारी इस असमय और तीव्र वर्षा के पीछे सक्रिय मानसूनी गतिविधियां और पश्चिमी विक्षोभ प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौर अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है, जिससे किसानों, यात्रियों और आम लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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