July 5, 2025 12:16 AM

“हमें बदला चाहिए!” – आतंकी हमले में पति को खोने वाली शुभम की पत्नी की मुख्यमंत्री योगी से गुहार

  • हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी (30) की पत्नी एशान्या की चीत्कार और आंखों से बरसते आंसू लोगों के दिल दहला रहे

कानपुर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने कानपुर के हाथीपुर गांव के आँगन में मातम और गुस्से का सन्नाटा भर दिया है। हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी (30) की पत्नी एशान्या की चीत्कार और आंखों से बरसते आंसू लोगों के दिल दहला रहे हैं। गुरुवार को जैसे ही शुभम की अंतिम यात्रा शुरू हुई, एशान्या चीख पड़ीं—”हमें कड़ा बदला चाहिए!” दो दिन से अपने पति की वही शर्ट पहने एशान्या ने शवयात्रा से पहले उसे सीने से लगाकर विदा ली। अंतिम बार शुभम की फोटो को देखकर वह बिलख-बिलख कर कहती रहीं, “ये नाइंसाफी है… वो सिर्फ मैगी खाने निकले थे…” इस दर्दनाक विदाई के दौरान मां, पिता और पूरा गांव अपने लाल को आखिरी सलामी दे रहा था।

“हिंदू हो या मुसलमान?” – पत्नी ने सुनाई आंखोंदेखी

एशान्या ने बताया कि हम दोनों पहलगाम में थे, सड़क किनारे टहलते हुए मैगी खाने जा रहे थे। तभी एक संदिग्ध व्यक्ति आया, और बोला—“हिंदू हो या मुसलमान?” फिर बोला, “कलमा पढ़ो अगर मुसलमान हो।” जब हमने कहा हम हिंदू हैं, तो उसने बिना एक पल गंवाए शुभम को गोली मार दी। उसके बाद और लोगों को भी। आतंक का ये चेहरा देख वहां मौजूद हर शख्स स्तब्ध रह गया।

मुख्यमंत्री से कहा – “हमारा बदला लो!”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब शुभम के घर पहुंचे, तो पत्नी एशान्या ने अपने आंसुओं को मुश्किल से रोकते हुए कहा, “मुख्यमंत्री जी, हमें बदला चाहिए। आतंकियों ने मेरे सामने ही मेरे पति को मारा है। कृपया इसे यूं ही मत जाने दीजिए।” मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया—”यह हमला आतंकवाद के ताबूत पर आखिरी कील साबित होगा।”

अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब

बुधवार रात शुभम का शव लखनऊ एयरपोर्ट लाया गया, जहां डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शुभम के पिता को गले लगाकर ढाढ़स बंधाया। वहां से कानपुर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर शव को शुभम के गांव लाया गया। गांव के मोड़ पर जैसे ही एंबुलेंस रुकी, मंत्री राकेश सचान और योगेंद्र उपाध्याय ने स्वयं कंधा देकर अंतिम यात्रा की अगुवाई की।

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