- संघर्ष के बीच तेहरान में रह रहे भारतीय छात्र गहरे डर और असुरक्षा के माहौल में जी रहे
- इजराइली एयरस्ट्राइक के बाद सुबह भारतीय छात्रों ने भारत सरकार से तत्काल निकासी की अपील की
नई दिल्ली/तेहरान। ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष के बीच तेहरान में रह रहे भारतीय छात्र गहरे डर और असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं। इजराइली एयरस्ट्राइक के बाद शुक्रवार की सुबह भारतीय छात्रों ने भारत सरकार से तत्काल निकासी की अपील की है। तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज़ में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा तबिया जहरा ने बताया कि हमले का समय तड़के 3:30 बजे था। “हमने महसूस किया कि ज़मीन हिल रही है। यह बेहद डरावना अनुभव था। फिलहाल स्थिति शांत है, लेकिन हम डरे हुए हैं।”
इंटरनेट बंद, संपर्क में बाधा; भारत से मदद की अपील
तबिया ने बताया कि कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं, जिससे उनके परिवारों से संपर्क करना भी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने भारत सरकार से जल्द से जल्द सुरक्षित निकासी के लिए ठोस योजना बनाने की मांग की है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को दिया भरोसा, पर स्थिति स्पष्ट नहीं
तेहरान यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने छात्रों से मुलाकात कर उन्हें संयम और धैर्य रखने की सलाह दी है। हालांकि, अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन-से इलाके सुरक्षित माने जाएं। इससे छात्रों की चिंता और भी बढ़ गई है।

दूतावास कर रहा डाटा कलेक्शन, छात्र बोले – तैयारी रखनी होगी
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ की छात्रा अलीशा रिज़वी ने बताया कि तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने सभी छात्रों से उनके स्थानीय पते और संपर्क विवरण भेजने को कहा है। “दूतावास हमें यह समझा रहा है कि आपात स्थिति के लिए डाटा एकत्र किया जा रहा है, ताकि निकासी की स्थिति में कोई देर न हो।”
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ की सरकार से अपील
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुहमी ने बताया कि उन्हें कई छात्रों और उनके परिवारों से सहायता की मांग मिली है। “हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह तैयारी रखे और यदि हालात बिगड़ते हैं, तो ‘ऑपरेशन गंगा’ जैसे सुरक्षित निकासी उपायों को तुरंत लागू करे।”

भारत सरकार की ओर से स्थिति पर नजर
सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय ईरान स्थित भारतीय दूतावास से लगातार संपर्क में है। मंत्रालय ने यह भी संकेत दिए हैं कि स्थिति बिगड़ने पर आपात निकासी योजना तैयार रखी जाएगी। हालांकि, आधिकारिक तौर पर निकासी की कोई तिथि घोषित नहीं की गई है।
छात्रों की मांग: सिर्फ आश्वासन नहीं, अब ज़मीन पर कार्रवाई चाहिए
ईरान में फंसे छात्रों का कहना है कि वे भारत सरकार पर विश्वास करते हैं, लेकिन हालात तेजी से बदल रहे हैं और उन्हें केवल आश्वासन नहीं, ठोस एक्शन चाहिए।