- सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह सक्रिय हो गई
नई दिल्ली/पहलगाम। भारत में 7 मई को होने जा रही सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह सक्रिय हो गई है। गृह मंत्रालय में सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक हुई जिसमें केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में सभी राज्यों के मुख्य सचिव, सिविल डिफेंस प्रमुख और रक्षा से जुड़े अधिकारी शामिल हुए। बैठक में तय हुआ कि देश के 244 जिलों में एक साथ मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस ड्रिल का मकसद है— युद्ध या आपात स्थिति में आम नागरिकों को सुरक्षा उपायों की ट्रेनिंग देना। इसके तहत हवाई हमलों की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे, ब्लैकआउट प्रैक्टिस कराई जाएगी और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने के निर्देश दिए जाएंगे।
1971 के बाद पहली बार इतनी बड़ी मॉक ड्रिल
ऐसा अभ्यास देश में करीब 5 दशक बाद हो रहा है। पिछली बार 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान मॉक ड्रिल कराई गई थी। अब जबकि सीमाओं पर हालात फिर से तनावपूर्ण हैं, सरकार ने नागरिक सुरक्षा की तैयारी तेज़ कर दी है।
पाकिस्तान की गोलाबारी और LoC पर बढ़ता तनाव
बीते 12 दिनों से पाकिस्तान लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है। 5-6 मई की रात LOC के पास कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर जैसे इलाकों में गोलीबारी की गई। भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आरोप लगाया था कि भारत किसी भी समय LoC पार कार्रवाई कर सकता है।
पहलगाम हमला: 26 पर्यटकों की मौत से गहराया तनाव
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट मारे गए, जिसके बाद भारत-पाक के बीच तनाव और बढ़ गया है। गृह मंत्रालय इस हमले को ‘नॉन-कॉम्बैटेंट्स’ यानी आम नागरिकों पर सीधा हमला मानते हुए इससे निपटने की तैयारी कर रहा है।
रूस से भारत को मिलेगा नया युद्धपोत
तनाव के बीच एक रणनीतिक खबर यह भी है कि भारत को 28 मई को रूस से नया युद्धपोत मिलने वाला है। यह आधुनिक जंगी जहाज ब्रह्मोस मिसाइल से लैस होगा और रडार की पकड़ से बचने में सक्षम होगा। इसे जून में आधिकारिक तौर पर नौसेना में शामिल किया जाएगा।
फिरोजपुर में ब्लैकआउट अभ्यास
इस व्यापक राष्ट्रीय तैयारी से पहले, पंजाब के फिरोजपुर छावनी इलाके में रविवार-सोमवार की रात को ब्लैकआउट अभ्यास किया गया। इसमें रात 9 से 9:30 बजे तक बिजली बंद रखकर लोगों को अंधेरे में रहने की आदत डलवाई गई। सरकार के इन कदमों से साफ है कि वह किसी भी आपात स्थिति के लिए नागरिकों को तैयार देखना चाहती है। यह मॉक ड्रिल न सिर्फ सैन्य तैयारियों का परीक्षण है, बल्कि जनता में जागरूकता और मानसिक रूप से सजग रहने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।
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