मध्यप्रदेश में वक्फ संपत्तियों से जुड़े कानून में प्रस्तावित बदलावों के खिलाफ मुस्लिम समाज आज 30 अप्रैल की रात एक अनोखे और शांतिपूर्ण तरीके से सांकेतिक विरोध करेगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के तहफ्फुज-ए-औकाफ विंग की अपील पर मुस्लिम समाज से कहा गया है कि वे रात 9 बजे से 9:30 बजे तक अपने घरों और दुकानों की लाइटें बंद रखें।
क्या है विरोध की वजह?
यह प्रदर्शन वक्फ संपत्तियों के संरक्षण से जुड़े कानून में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ है। समाज के नेताओं का मानना है कि इन बदलावों से वक्फ की धार्मिक, सामाजिक और ऐतिहासिक संपत्तियों पर संकट खड़ा हो सकता है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के “तहफ्फुज-ए-औकाफ” प्रकोष्ठ का कहना है कि प्रस्तावित बदलाव वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को खत्म करने की कोशिश है, जिससे समाज की विरासत, मस्जिदों, कब्रिस्तानों और दरगाहों जैसी धार्मिक स्थलों पर बाहरी हस्तक्षेप का खतरा बढ़ जाएगा।
आरिफ मसूद की अपील
इस अभियान की अगुआई कर रहे मध्यप्रदेश के विधायक और बोर्ड के प्रदेश संयोजक आरिफ मसूद ने मुस्लिम समाज से संयम, अनुशासन और एकता के साथ इस विरोध में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा:
“यह सिर्फ लाइट बंद करने की बात नहीं है, बल्कि हमारी धरोहर और अधिकारों के लिए आवाज उठाने की शुरुआत है। हम शांतिपूर्वक लेकिन मजबूती से यह जताना चाहते हैं कि हमारी विरासत के साथ कोई भी छेड़छाड़ स्वीकार नहीं की जाएगी।”
🔦 प्रदर्शन का तरीका क्यों अनोखा है?
आज के विरोध को खास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि यह न तो सड़क पर उतरकर किया जा रहा है, न ही नारेबाजी के जरिए। शांति, प्रतीकात्मकता और अनुशासन के साथ यह प्रदर्शन एकजुटता और जागरूकता का संदेश देगा। समाज का कहना है कि वे किसी तरह की टकराव की स्थिति नहीं चाहते, लेकिन अपनी भावनाओं और चिंता को दर्ज कराना जरूरी है।
📍 कहाँ-कहाँ होगा असर?
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रतलाम, खंडवा, छिंदवाड़ा, सागर, बुरहानपुर जैसे कई शहरों में मुस्लिम बहुल इलाकों में इस अभियान के तहत बिजली बंद रखी जाएगी। सोशल मीडिया पर भी #ProtectWaqfProperties और #तहफ्फुजएऔकाफ जैसे हैशटैग के जरिए जागरूकता फैलाई जा रही है।
🚨 सरकार की प्रतिक्रिया?
अब तक सरकार की ओर से इस विरोध प्रदर्शन पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वक्फ कानून में बदलाव को लेकर कुछ प्रारूप विचाराधीन हैं, जिन पर विभिन्न समुदायों से राय ली जा रही है।
यह विरोध प्रदर्शन मध्यप्रदेश में मुस्लिम समाज के बीच एकजुटता और सांस्कृतिक चेतना की नई लहर के रूप में देखा जा रहा है। आगे यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर भी फैल सकता है, ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं।
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