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April 19, 2025 8:24 PM

वक्फ संशोधन बिल 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश होगा, विपक्ष ने बहस का समय बढ़ाने की मांग की

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नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल को लेकर संसद में माहौल गरमाया हुआ है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने घोषणा की है कि यह बिल 2 अप्रैल को प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12 बजे पेश किया जाएगा। इस पर 8 घंटे की चर्चा निर्धारित की गई है। सरकार और विपक्ष के बीच इस चर्चा को लेकर मतभेद भी सामने आए हैं।


एनडीए को 4 घंटे 40 मिनट, विपक्ष को मिलेगा बाकी समय

स्पीकर द्वारा तय की गई चर्चा की समय-सीमा के अनुसार, एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को 4 घंटे 40 मिनट का समय मिलेगा। वहीं, विपक्ष को शेष समय में अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। हालांकि, विपक्ष ने इसे अपर्याप्त बताते हुए चर्चा का समय 12 घंटे करने की मांग की है

विपक्ष ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक से किया वॉकआउट

बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) ने जब इस चर्चा की समय-सीमा तय की, तो विपक्ष ने असहमति जताई। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जबरदस्ती अपना एजेंडा थोप रही है और विपक्ष की बात नहीं सुनी जा रही। इस असहमति के चलते विपक्षी सांसदों ने BAC की बैठक से वॉकआउट कर दिया

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने दिया समय बढ़ाने का संकेत

विपक्ष के विरोध को देखते हुए संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यदि जरूरी हुआ तो बिल पर चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है और बिल को जल्द से जल्द पारित करना चाहती है

व्हिप जारी, सांसदों की मौजूदगी अनिवार्य

लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान सभी दलों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू और टीडीपी सहित कई दलों ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है। इसका मतलब यह है कि सभी सांसदों को अनिवार्य रूप से सदन में उपस्थित रहना होगा और पार्टी लाइन के अनुसार मतदान करना होगा।

अब क्या होगा?

  • 2 अप्रैल, दोपहर 12 बजे: वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा।
  • 8 घंटे की बहस: जिसमें सत्ताधारी दल को 4 घंटे 40 मिनट और विपक्ष को शेष समय मिलेगा।
  • समय बढ़ सकता है: संसदीय कार्यमंत्री ने संकेत दिया कि अगर जरूरत हुई, तो चर्चा की समय-सीमा बढ़ाई जा सकती है।
  • विपक्ष का विरोध जारी: कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल सरकार पर बहस को सीमित करने का आरोप लगा रहे हैं।
  • बिल पास होने की संभावना: चूंकि एनडीए के पास बहुमत है, इसलिए बिल के लोकसभा से पास होने की संभावना अधिक है।
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