Trending News

February 6, 2025 12:37 AM

वक्फ संशोधन बिल पर JPC की बैठक में हंगामा, 10 विपक्षी सांसद सस्पेंड, मीरवाइज ने जताई आपत्ति

wakf-amendment-bill-jpc-meeting-o

नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर शुक्रवार को दिल्ली में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें बिल के ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर गहन रिसर्च करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया और ये बदलाव जल्दबाजी में लागू किए जा रहे हैं।

विपक्षी सांसदों का हंगामा

बैठक के दौरान तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी ने इस मामले पर विरोध जताते हुए कहा कि इस समिति की कार्यवाही एक “तमाशा” बन चुकी है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) दिल्ली विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को जल्द से जल्द संसद में पेश करने का दबाव बना रही है।

10 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किया गया

जेपीसी की बैठक के दौरान हंगामा करने पर समिति ने 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया। इनमें तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल थे।

हुर्रियत नेता मीरवाइज का विरोध

इस संशोधन पर जम्मू और कश्मीर के प्रमुख हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने भी विरोध व्यक्त किया है। उन्होंने इस संशोधन को वक्फ की स्वतंत्रता और कामकाजी प्रक्रिया के लिए खतरा बताया। मीरवाइज ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन के तहत कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों को सरकारी संपत्ति के रूप में दर्ज करने की मनमानी शक्तियां दी गई हैं। इसके तहत कलेक्टर आदेश देकर और राजस्व रिकॉर्ड्स में बदलाव कर सकता है, जिससे वक्फ की संपत्तियां सरकार के नियंत्रण में आ जाएंगी।

मीरवाइज ने कहा, “यह संशोधन मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। यह वक्फ अधिनियम के मूल उद्देश्य को कमजोर करेगा और मुस्लिम पर्सनल लॉ का उल्लंघन होगा। इसके परिणामस्वरूप मुस्लिम समुदाय में असुरक्षा और अविश्वास बढ़ेगा, क्योंकि उनकी धार्मिक संपत्तियां अब सरकारी हस्तक्षेप से सुरक्षित नहीं रह पाएंगी।”

जेपीसी अध्यक्ष का जवाब

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने विपक्षी सांसदों के सस्पेंशन पर सवाल उठाया, और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया। इस पर जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने स्पष्ट किया कि गोगोई बैठक में मौजूद नहीं थे और सभी जेपीसी सदस्यों को अपने विचार रखने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने कहा कि यदि किसी सांसद ने अनुशासनहीनता दिखाई, तो सस्पेंशन कार्रवाई स्वाभाविक थी।

संसदीय प्रक्रिया पर बढ़ते विवाद

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बढ़ते विवाद और विपक्ष का विरोध दर्शाता है कि इस मुद्दे पर संसद में गहरी बहस हो सकती है। संशोधन को लेकर राजनीतिक दलों के बीच तीव्र मतभेद हैं, और यह साफ नहीं है कि क्या यह विधेयक संसद में बिना किसी बड़े विवाद के पारित हो सकेगा।

संशोधन के तहत कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों पर अधिकार देने के प्रस्ताव का विरोध मुस्लिम समुदाय के कई नेताओं और संगठनों द्वारा किया जा रहा है। उनका कहना है कि इससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर असर पड़ेगा। वहीं, भाजपा सरकार इस संशोधन को वक्फ प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के रूप में देखती है।

वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की बैठक में उठे विवाद और विरोध से यह स्पष्ट हो गया है कि यह मुद्दा आगे भी राजनीतिक और कानूनी बहस का केंद्र बना रहेगा। विपक्षी सांसदों का आरोप है कि सरकार इस मुद्दे को जल्दबाजी में निपटाना चाहती है, जबकि धार्मिक और सामाजिक समुदाय इस संशोधन को अपनी स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं। अब देखना यह होगा कि संसद में इस पर क्या निर्णय लिया जाता है और क्या सरकार विपक्षी चिंताओं को स्वीकार करती है।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram
Share on pocket