- दक्षिण 24 परगना में तनाव बरकरार, मंदिर पर हमले और दुकानों में लूट का आरोप
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना ज़िले के रवींद्रनगर इलाके में भड़की हिंसा ने राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव को और गहरा कर दिया है। बुधवार को हुई इस हिंसा में पुलिस और भीड़ के बीच तीखी झड़प हुई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि यह हिंसा एक सुनियोजित सांप्रदायिक हमला थी और इसे हिंदू समुदाय को डराने के उद्देश्य से अंजाम दिया गया।
शुभेंदु अधिकारी की चेतावनी: हिंदुओं पर हो रहे हमले बर्दाश्त नहीं
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वह हिंसा प्रभावित महेशतला पहुंचकर पीड़ितों से मिलना चाहते हैं। उन्होंने डायमंड हार्बर के एसपी और राज्य के डीजीपी से अपील करते हुए कहा, “मैं और हमारे दल के विधायक महेशतला में उन पीड़ित हिंदू परिवारों से मिलना चाहते हैं जिनके घरों, दुकानों और धार्मिक स्थलों पर हमले किए गए।” उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किए गए पोस्ट में यह भी लिखा कि कई क्षेत्रों में जिहादी तत्वों द्वारा हिंदुओं को निशाना बनाया गया, शिव मंदिरों में तोड़फोड़ की गई और दुकानों को लूटा गया।
क्या है रवींद्रनगर हिंसा का पूरा मामला?
पुलिस के अनुसार, सोमवार को दो गुटों के बीच स्थानीय विवाद ने मंगलवार रात को हिंसक रूप ले लिया। बुधवार को रवींद्रनगर में स्थिति पूरी तरह बिगड़ गई जब भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, वाहनों में तोड़फोड़ की और इलाके में दहशत फैलाई। इस दौरान एक महिला कांस्टेबल समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से कुछ के सिर में गंभीर चोटें आईं। घटनास्थल के वीडियो में घायल पुलिसकर्मियों को खून से लथपथ हालत में देखा गया। भीड़ द्वारा एक पुलिस जीप के शीशे भी तोड़ दिए गए।
बीजेपी ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की पुलिस निष्क्रिय बनी रही और स्थिति को संभालने में पूरी तरह विफल रही। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि “अब समय आ गया है कि अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाए ताकि बंगाल के नागरिक और पुलिस दोनों सुरक्षित रह सकें।” उन्होंने यह भी ऐलान किया कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को विधानसभा में जोर-शोर से उठाएगी और कलकत्ता हाई कोर्ट की विशेष पीठ में याचिका दायर की जाएगी।
सत्तापक्ष की प्रतिक्रिया का इंतज़ार
राज्य सरकार की तरफ से इस मामले पर अब तक कोई विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पुलिस का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात कर दिए गए हैं।
समाज में बढ़ रहा ध्रुवीकरण, सुरक्षा पर सवाल
इस हिंसा ने एक बार फिर बंगाल की सांप्रदायिक सहिष्णुता और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों में भय का माहौल है, और कई परिवारों ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।