नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के समर्थन में लोकसभा में भाषण दिया, जिसमें उन्होंने न केवल अपनी सरकार की उपलब्धियों को स्पष्ट किया, बल्कि विपक्ष को भी कई मुद्दों पर घेरा। इस संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से भारत के विकास, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षेत्र की संभावनाओं और सरकार की योजनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित देश के रूप में देखा जाएगा और इस सपने को पूरा करने के लिए देश तेजी से आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के संदर्भ में कहा कि उनकी सरकार ने एक मजबूत नींव बनाई है, जिससे आने वाले वर्षों में भारत और भी तेजी से विकास की दिशा में बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि आज भारत में डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डिमांड के चलते विकास के बेहतरीन अवसर हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान
प्रधानमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षेत्र को भारत के विकास में एक अहम भूमिका निभाने वाला बताया। उन्होंने कहा, “हमारे पास प्रतिभाशाली युवाओं की एक विशाल संख्या है जो AI, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल कर रहे हैं। भारत इन उभरते हुए क्षेत्रों में दुनिया भर में नेतृत्व करने की क्षमता रखता है। हमें AI को कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, और उद्योगों में लागू कर तेज विकास हासिल करना है।”
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार AI आधारित तकनीकों के विकास के लिए निवेश बढ़ाने और नीतियों को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत में AI रिसर्च और विकास के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए गए हैं, जिसमें आईआईटी, एनआईटी और अन्य शैक्षिक संस्थानों के साथ साझेदारी बढ़ाना शामिल है।
भारत के विकास का रास्ता: संकल्प और आत्मविश्वास
मोदी ने कहा कि यह कोई सरकारी सपना नहीं है, बल्कि हर भारतीय नागरिक का सपना है कि देश को एक समृद्ध और विकसित राष्ट्र बनाया जाए। उन्होंने उदाहरण के तौर पर अन्य देशों का हवाला दिया जिन्होंने 20-25 साल में अद्वितीय विकास किया है। “भारत के पास डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डिमांड है, इसलिए हम क्यों नहीं विकसित हो सकते? 2047 तक हम इसे वास्तविकता में बदल देंगे।”
उन्होंने कहा कि भारत ने पहले ही अपनी दिशा तय कर ली है और आने वाले वर्षों में इसका परिणाम सभी को स्पष्ट दिखेगा। सरकार ने पहले ही कई योजनाओं को लागू किया है जिनसे देश का आर्थिक ढांचा मजबूत हुआ है, और आने वाले समय में इन योजनाओं का और भी बड़ा असर देखने को मिलेगा।
जाति जनगणना और ओबीसी आयोग पर मोदी का बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने जाति जनगणना पर चर्चा करते हुए विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग की गई थी, तो विपक्षी दल इसे नकारते रहे। लेकिन उनकी सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, जो एक ऐतिहासिक कदम है।
इसके अलावा, मोदी ने यह भी कहा कि कुछ लोग जाति के मुद्दे को “फैशन” बना रहे हैं, जबकि उनकी सरकार ने सच्चे तौर पर समाज के वंचित वर्गों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुधार
प्रधानमंत्री ने गरीबों के उत्थान के लिए अपनी सरकार की योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 2014 से 2024 तक उनकी सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय में गरीबी हटाने का नारा केवल एक दिखावा था।
इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में एक परिवार के संग्रहालय बनाने का जिक्र किया और कहा कि उन परिवारों की पार्टी की सरकार के दौर में दशकों पहले कहा जाता था, “गरीबी हटाओ।” लेकिन उनकी सरकार ने वास्तविक बदलाव लाया और गरीबों के जीवन स्तर में सुधार किया।
AI और शिक्षा में नवाचार
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि पिछले 10 वर्षों में हर दिन एक नई यूनिवर्सिटी खोली गई है, और आईआईटी जैसे उच्च शिक्षा संस्थान भी लगातार खुल रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब गरीबों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए बिचौलियों को खत्म किया गया है।
“हमने योजनाओं को सीधे लाभार्थियों तक पहुँचाया, जिससे लाखों लोग इससे लाभान्वित हुए। अब 1 रुपया और 15 पैसे वाला खेल नहीं चलेगा,” मोदी ने यह कहते हुए राजीव गांधी के बयान का संदर्भ दिया कि केंद्र सरकार 1 रुपया भेजती है, लेकिन गरीबों तक केवल 15 पैसे ही पहुँचते हैं।
भ्रष्टाचार और फर्जी नामों के खिलाफ कड़ा कदम
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने सरकारी योजनाओं में होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए 10 करोड़ फर्जी नामों को हटाया। इन फर्जी नामों के हटने से 3 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई और यह धन अब सही हाथों में पहुंच सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके नेतृत्व में देश एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है, और इसके लिए हर नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
नक्सलवाद और असहमति पर मोदी की कड़ी टिप्पणी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजकल कुछ लोग अर्बन नक्सल की भाषा बोलते हैं और भारतीय राज्य के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात करते हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को चेतावनी दी और कहा कि वे न संविधान और न ही देश की एकता को समझ सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया कि उनकी सरकार देश के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और आगामी वर्षों में भारत एक विकसित और सशक्त राष्ट्र बनेगा। AI, शिक्षा, और सामाजिक सुधारों के माध्यम से, यह लक्ष्य साकार होगा।