विपक्ष ने डॉक्टरों की भर्ती को लेकर किया बहिर्गमन, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नोत्तर काल के दौरान जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी और भर्ती प्रक्रिया को लेकर सरकार को घेरा और सदन से बहिर्गमन कर दिया। इसके साथ ही विपक्ष के विधायक काले एप्रन पहनकर और हाथ में प्रतीकात्मक सोने की ईंटें लेकर विधानसभा पहुंचे, जिससे सदन के बाहर और अंदर माहौल गर्मा गया।
डॉक्टरों की कमी पर कांग्रेस का सरकार पर हमला, बहिर्गमन कर किया विरोध
विधानसभा के प्रश्नोत्तर काल में जौरा विधायक पंकज उपाध्याय ने प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने 2016 से 2024 के बीच प्रसव के दौरान महिलाओं और नवजात शिशुओं की मौतों का आंकड़ा मांगा। विधायक ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार आंकड़े छुपा रही है और स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खराब है।
इस पर लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार कैग की रिपोर्ट पर अमल कर रही है और पांच महीने के भीतर सभी खाली पदों को भरने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। लेकिन कांग्रेस विधायक सरकार के इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। विधायक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर निकल गए और विधानसभा के बाहर भी विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
काले एप्रन और सोने की ईंटें लेकर विधानसभा पहुंचे कांग्रेसी विधायक
प्रश्नोत्तर काल से पहले ही कांग्रेस विधायकों ने अनूठे तरीके से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। वे काले एप्रन पहनकर विधानसभा पहुंचे, जिन पर हड्डियों के ढांचे की आकृतियां बनी थीं। इसके अलावा, विधायक हाथ में सोने की प्रतीकात्मक ईंटें भी लेकर आए। कांग्रेस का यह प्रदर्शन करोड़पति कॉन्स्टेबल मामले की जांच की मांग को लेकर था।
विधायकों ने “सोने की ईंट किसकी है? जांच कराओ!” जैसे नारे लगाते हुए सरकार पर हमला बोला। हालांकि, विधानसभा के मार्शलों ने काले एप्रन पहनकर सदन में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने एप्रन बाहर ही उतार दिए और विधानसभा में प्रवेश किया।
विधानसभा में मुख्यमंत्री के आने पर खड़े नहीं होते अधिकारी, विपक्ष ने उठाया सवाल
पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह ने सदन में मुख्यमंत्री के प्रवेश के दौरान अधिकारियों के खड़े न होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह संसदीय परंपराओं के खिलाफ है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आश्वासन दिया कि अब ऐसा नहीं होगा, अधिकारी खड़े होंगे। इस मुद्दे पर मंत्री प्रहलाद पटेल और राकेश सिंह ने भी समर्थन दिया।
राजेंद्र सिंह ने कहा कि स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा की कार्यवाही को लोकसभा की तर्ज पर चलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन विधानसभा को विधानसभा ही रहना चाहिए, लोकसभा नहीं बनाया जाना चाहिए।
बस किराए में घोटाले का आरोप, विधायक बोले- लूना और मोटरसाइकिल के नंबर पर हुआ भुगतान
विधायक कैलाश कुशवाहा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों के लिए वाहनों का अधिग्रहण किया गया, लेकिन इसमें मोटरसाइकिल और लूना के नंबरों पर बसों का भुगतान किया गया। उन्होंने इसे बड़ा भ्रष्टाचार करार दिया और पूछा कि इतनी बड़ी अनियमितता कैसे हुई?
इस पर परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि बसों के अधिग्रहण की प्रक्रिया जिला कलेक्टर द्वारा की जाती है। उन्होंने बताया कि:
- भोपाल में 44 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
- शिवपुरी में 5 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
- भोपाल में 100 से ज्यादा और शिवपुरी में 30 से ज्यादा ट्रेवल कंपनियों को भुगतान किया गया है।
हालांकि, मंत्री ने किसी भी भ्रष्टाचार से इनकार किया। इस पर विधायक ने कहा कि उनके पास सबूत हैं और मंत्री गलत जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने मामले की एसआईटी जांच की मांग की।
महू में हुई हिंसा पूर्व नियोजित थी, बीजेपी विधायक ऊषा ठाकुर का बयान
बीजेपी विधायक ऊषा ठाकुर ने महू में पथराव और आगजनी की घटना को पूर्व नियोजित बताया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पेट्रोल बम बनाए गए, जो अचानक संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि होली पर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह तैयार रहेगा और किसी असामाजिक तत्व को सिर उठाने नहीं दिया जाएगा।
नर्सिंग परीक्षा को लेकर सवाल, सरकार ने दिया जवाब
विधानसभा में विधायक सतीश सिकरवार ने सवाल उठाया कि नर्सिंग स्टूडेंट्स की परीक्षाएं बार-बार टल रही हैं। कई छात्र तीन साल से एक ही कक्षा में अटके हुए हैं।
इस पर लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने जवाब दिया कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है और इसी महीने निर्णय आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अदालत का फैसला आने के बाद 8 अप्रैल से परीक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी।
विधानसभा में उठा उपनेता प्रतिपक्ष का मुद्दा
बीजेपी विधायक भूपेंद्र सिंह ने विधानसभा की नियमावली लेकर सदन में पहुंचे और कहा कि “उपनेता प्रतिपक्ष” का पद नियमावली में नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत कटारे फर्जी उपनेता बनकर घूम रहे हैं।
हालांकि, जब उपमुख्यमंत्री के पद की संवैधानिकता पर सवाल उठाया गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और कहा कि यह अलग विषय है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में मंगलवार का सत्र हंगामेदार रहा। कांग्रेस ने डॉक्टरों की भर्ती, करोड़पति कॉन्स्टेबल मामले और बस किराए में भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार को घेरा। काले एप्रन और सोने की प्रतीकात्मक ईंटें लेकर प्रदर्शन किया। वहीं, विपक्ष ने मुख्यमंत्री के आने पर अधिकारियों के खड़े न होने, नर्सिंग परीक्षाओं की देरी और महू हिंसा को लेकर भी सरकार से जवाब मांगा। विधानसभा के इस सत्र में राजनीतिक गर्मी और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहा।