August 1, 2025 3:19 PM

उप राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू: जल्द जारी होगी अधिसूचना, निर्वाचन मंडल की सूची तैयार

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उप राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जल्द, निर्वाचन मंडल की सूची अंतिम

नई दिल्ली। देश में नए उप राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया औपचारिक रूप से आरंभ हो चुकी है। चुनाव आयोग जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी करेगा। इसके साथ ही निर्वाचन मंडल की सूची को भी अंतिम रूप दे दिया गया है, जो कि उप राष्ट्रपति पद के चुनाव में मतदान करने वाले सदस्यों की पुष्टि करती है।

अनुच्छेद 66(1) के तहत होगा चुनाव

संविधान के अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उप राष्ट्रपति का निर्वाचन एक विशेष निर्वाचन मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें दो सदन शामिल होते हैं—

  • राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य
  • लोकसभा के निर्वाचित सदस्य

मतदान प्रक्रिया गुप्त मतपत्र द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत होती है, जो निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा

इस बार उप राष्ट्रपति का चुनाव इसलिए आवश्यक हुआ क्योंकि वर्तमान उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद संविधान के अनुरूप नए उप राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया तुरंत आरंभ की गई।

निर्वाचन मंडल की सूची बिक्री के लिए उपलब्ध

चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि अधिसूचना जारी होने के बाद निर्वाचन मंडल की सूची आयोग द्वारा बनाए गए काउंटर्स पर खरीद के लिए उपलब्ध होगी। इस सूची में उन सांसदों के नाम होंगे जो उप राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं।

पीसी मोदी होंगे रिटर्निंग ऑफिसर

इस चुनाव प्रक्रिया की निगरानी और संचालन के लिए राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति चुनाव आयोग द्वारा की गई है, जो संविधान के अनुच्छेद-324 के तहत चुनाव प्रक्रिया संचालित करने के लिए अधिकृत है।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • उप राष्ट्रपति का चुनाव संविधान और चुनाव नियमों के तहत होता है।
  • मतदान में केवल संसद के सदस्य भाग लेते हैं, आम जनता को इसमें भाग लेने का अधिकार नहीं होता।
  • चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही नामांकन प्रक्रिया, नाम वापसी, मतदान और मतगणना की तिथियाँ भी घोषित होंगी।

भारत के अगले उप राष्ट्रपति को लेकर चुनावी प्रक्रिया का प्रारंभ अब औपचारिक रूप से हो चुका है। यह चुनाव केवल संसद सदस्यों के बीच सीमित रहता है लेकिन इसका असर संविधानिक संतुलन, उच्च सदनों के संचालन और राजनीतिक समीकरणों पर गहरा होता है। अब देश की नजरें चुनाव आयोग द्वारा जल्द ही जारी होने वाली अधिसूचना पर टिकी हैं।



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