गर्मियों में मटके का ठंडा पानी पीना भारतीय घरों की एक पुरानी परंपरा है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार मटका कहाँ रखा जाए, इसका भी विशेष महत्व है? यदि मटका सही दिशा में रखा जाए तो यह न केवल सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि भी लेकर आता है। आइए जानते हैं मटका रखने से जुड़े वास्तु नियम और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
मटका रखने की उपयुक्त दिशा कौन सी है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार पानी से जुड़ी वस्तुएं हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में रखनी चाहिए। यह दिशा जल तत्व की दिशा मानी जाती है और यहां मटका रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य बना रहता है और आर्थिक उन्नति के योग भी बनते हैं।
यदि उत्तर-पूर्व दिशा संभव न हो तो?
अगर किसी कारणवश उत्तर-पूर्व दिशा में मटका रखना संभव नहीं है, तो आप इसे उत्तर दिशा या पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं। लेकिन दक्षिण या पश्चिम दिशा में मटका रखने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे धन हानि, मानसिक तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
मटका रखने के कुछ और जरूरी वास्तु टिप्स
- साफ-सफाई का ध्यान रखें: मटका हमेशा साफ होना चाहिए। गंदे या टूटे मटके का उपयोग न करें, यह नकारात्मक ऊर्जा फैलाता है।
- तांबे या चांदी का सिक्का डालें: मटके में तांबे या चांदी का सिक्का डालने से घर में लक्ष्मी स्थिर रहती हैं और जल तत्व में सकारात्मक शक्ति आती है।
- मटके के पास तुलसी का पौधा रखें: यदि संभव हो तो मटके के पास तुलसी का पौधा भी रखें। यह वातावरण को शुद्ध करता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- हर शुक्रवार पानी बदलें: मटके का पानी नियमित रूप से बदलना चाहिए, विशेषकर शुक्रवार को। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
मटका का संबंध देवी लक्ष्मी से
वास्तु शास्त्र में जल को जीवन का मूल माना गया है और जल स्रोत को लक्ष्मी का प्रतीक। यदि मटका सही दिशा में रखा जाए और उसमें स्वच्छ जल भरा हो, तो माना जाता है कि देवी लक्ष्मी का वास उस घर में होता है। इससे घर में धन, सुख और शांति बनी रहती है।
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