लगातार बारिश और भूस्खलन से वैष्णो देवी यात्रा सातवें दिन भी बंद, श्रद्धालुओं को मिल रहा पूरा रिफंड
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के कारण माता वैष्णो देवी यात्रा सातवें दिन भी ठप रही। श्राइन बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक हालात सामान्य नहीं होते और मरम्मत का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक यात्रा शुरू नहीं होगी। यात्रा बंद होने से पूरे कटरा इलाके में सन्नाटा पसरा है, जहां सामान्य दिनों में रोजाना करीब 30 हजार श्रद्धालु आते थे।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता
श्राइन बोर्ड ने यात्रा मार्ग के संवेदनशील हिस्सों—एशिया चौक, बलिनी पुल और दर्शनी ड्योड़ी के बीच—स्थित सभी होटलों और दुकानों को खाली कराने का आदेश जारी किया है। इन इलाकों में 80 से ज्यादा दुकानें और छोटे होटल आते हैं, जिन्हें भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र माना गया है। अचानक आई बाढ़ और लगातार हो रही बारिश के बाद यह कदम श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए उठाया गया।

होटल व्यवसायियों को भी नुकसान, लेकिन सहयोग जारी
कटरा होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वजीर ने बताया कि कटरा में करीब 300 होटल और गेस्ट हाउस हैं, जिनमें 6 हजार से अधिक कमरे हैं। इनमें से लगभग 200 कमरे श्रद्धालुओं के लिए खोले गए हैं। होटल मालिक श्रद्धालुओं को उनकी पसंद का नाश्ता और खाना उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते से होटल व्यवसाय घाटे में चल रहे हैं, लेकिन इस दुख की घड़ी में सभी एकजुट हैं और श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं।
बुकिंग्स की हो रही पूरी वापसी
श्राइन बोर्ड ने हेलिकॉप्टर, भवन और भैरों घाटी के बीच चलने वाली रोपवे सेवा, होटल और गेस्ट हाउस की सभी बुकिंग को रद्द कर दिया है। श्रद्धालुओं को 100% रिफंड दिया जा रहा है। इस निर्णय से उन यात्रियों को बड़ी राहत मिली है जो लंबे समय से इंतजार कर रहे थे।
हालात ने लिए 34 लोगों की जान
26 अगस्त को अर्द्धकुंवारी मंदिर के पास हुए भीषण भूस्खलन में 34 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद से प्रशासन और श्राइन बोर्ड पूरी तरह सतर्क हो गए हैं। 18 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग पर मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि मार्ग की मरम्मत पूरी होने और सुरक्षा सुनिश्चित होने के बाद ही यात्रा को पुनः शुरू किया जाएगा।

श्रद्धालुओं का रुकना हुआ बंद
बरसों से कटरा में श्रद्धालुओं के प्रवास और सेवा से जुड़े बरिदर सेवा समिति के पूर्व अध्यक्ष शेर सिंह बरिदराम ने बताया कि सामान्य दिनों में कटरा में हमेशा करीब 30 हजार श्रद्धालु ठहरते थे। लेकिन अब सात दिन से पूरा शहर सूना पड़ा है। इससे होटल, धर्मशालाएं, रेस्टोरेंट और छोटे व्यवसाय सभी प्रभावित हुए हैं।
केंद्र सरकार की सक्रियता
सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू पहुंचे और उन्होंने बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। शाह ने जम्मू की कनेक्टिविटी जल्द बहाल करने के निर्देश दिए और सेना व केंद्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्यों की सराहना की। उल्लेखनीय है कि बारिश और बाढ़ में जम्मू रीजन में कई पुल टूट चुके हैं, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
उम्मीद और इंतजार
श्रद्धालु इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि माता वैष्णो देवी के दरबार तक पहुंचने का मार्ग कब तक सुरक्षित हो पाएगा। स्थानीय लोग और व्यापारी मानते हैं कि यात्रा के जल्द शुरू होने से फिर से कटरा और आस-पास की अर्थव्यवस्था को राहत मिलेगी। फिलहाल, सभी की नजरें प्रशासन और मौसम पर टिकी हैं।
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