कटरा । विश्वप्रसिद्ध माता वैष्णो देवी यात्रा 26 अगस्त को हुए भीषण भूस्खलन के बाद लगातार तीसरे दिन भी ठप है। अर्धकुंवारी मार्ग पर इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे भारी बारिश के कारण अचानक चट्टान खिसक गई थी, जिससे मलबे में दबकर 34 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद से यात्रा को पूरी तरह रोक दिया गया है।
श्रद्धालु मार्ग में फंसे, कटरा में ठहरे
यात्रा स्थगित होने से हजारों श्रद्धालु प्रभावित हुए हैं। कई लोग कटरा के होटलों और धर्मशालाओं में ठहरे हुए हैं और मार्ग साफ होने का इंतजार कर रहे हैं। श्राइन बोर्ड और प्रशासन ने श्रद्धालुओं को धैर्य बनाए रखने और पूरी तरह सुरक्षित मार्ग उपलब्ध होने तक आगे न बढ़ने की सलाह दी है। वहीं, मार्ग के बंद रहने से श्रद्धालुओं में निराशा और चिंता का माहौल है।

रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत कार्य
भूस्खलन के बाद तुरंत सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमों ने मौके पर मोर्चा संभाल लिया। अब तक दर्जनों शवों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका है। 24 मृतकों की पहचान कर ली गई है। शेष शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। घायल यात्रियों को कटरा और जम्मू के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। कई की हालत नाजुक बताई जा रही है।
शवों को घर तक पहुँचाने की जिम्मेदारी
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने मृत श्रद्धालुओं के शव उनके घर तक सुरक्षित पहुँचाने की जिम्मेदारी उठाई है। बोर्ड ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग की ओर से भी 4-4 लाख रुपये की मदद दी जाएगी। प्रशासन का कहना है कि पीड़ित परिवारों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।

सुरक्षा इंतजामों पर सवाल
इतने बड़े हादसे के बाद यात्रा मार्ग पर सुरक्षा इंतजामों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि पिछले कई दिनों से मौसम विभाग लगातार भारी बारिश की चेतावनी दे रहा था, लेकिन बावजूद इसके मार्ग पर यात्रियों की संख्या पर नियंत्रण नहीं किया गया और न ही वैकल्पिक इंतजाम किए गए। कई श्रद्धालुओं का आरोप है कि अर्धकुंवारी मार्ग पर भूस्खलन की आशंका पहले भी जताई जाती रही है, लेकिन श्राइन बोर्ड और प्रशासन ने समय रहते पुख्ता इंतजाम नहीं किए।
रेड अलर्ट और आगे की स्थिति
भूस्खलन के बाद पूरे क्षेत्र में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि जब तक मार्ग पूरी तरह सुरक्षित और मलबा हटाकर साफ नहीं हो जाता, तब तक यात्रा शुरू नहीं की जाएगी। मौसम विभाग ने आने वाले दो दिनों तक और भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
श्रद्धालुओं की भावनाएँ और आस्था
हादसे के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कमी नहीं आई है। कटरा में ठहरे कई भक्तों ने कहा कि चाहे यात्रा शुरू होने में जितना भी समय लगे, वे माता के दर्शन कर ही लौटेंगे। हालांकि उनके चेहरों पर हादसे का दर्द साफ झलक रहा था। इस बड़े हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या देश के बड़े धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि वैष्णो देवी जैसी दुर्गम यात्रा स्थलों पर तकनीकी सर्वेक्षण, मौसम की वास्तविक समय की निगरानी और वैकल्पिक मार्ग तैयार करना अब बेहद जरूरी हो गया है।