उत्तराखंड के चमोली में बादल फटा: थराली तहसील में मलबा, दो लापता, स्कूल बंद

दो लोग लापता, घर-गाड़ियां मलबे में दबीं, तीनों विकासखंडों के स्कूल बंद

चमोली। उत्तराखंड का पहाड़ी इलाका एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया। चमोली जिले के थराली तहसील क्षेत्र में शुक्रवार देर रात बादल फटने से व्यापक तबाही मच गई। थराली तहसील के टूनरी गदेरा में बादल फटने से देखते ही देखते सारा इलाका मलबे से पट गया। अचानक आए इस प्रकोप से बाजार, सरकारी दफ्तर, तहसील परिसर और आसपास के कई गांव प्रभावित हुए।

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तहसील और बाजार में मलबे का सैलाब

स्थानीय लोगों के अनुसार रात करीब 11 बजे टूनरी गदेरा में बादल फटा। तेज बारिश और उसके साथ आया भारी मलबा देखते ही देखते थराली तहसील परिसर, थराली बाजार, कोटदीप और आसपास के कई इलाकों में घुस गया। मलबे के साथ आई पानी की तेज धारा ने दुकानों और घरों को क्षति पहुंचाई। थराली बाजार पूरी तरह मलबे से भर गया, कई दुकानें बह गईं और घरों की दीवारें टूट गईं।

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दो लोग लापता, गाड़ियां दब गईं

घटना में एक युवती और एक बुजुर्ग के लापता होने की सूचना है। राड़ीबगड़ क्षेत्र में कई वाहन मलबे में दब गए। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि तहसील परिसर में खड़ी कई गाड़ियां मलबे में दब गई हैं। बरसाती गदेरा के उफान से सड़कें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। थराली-सागवाड़ा मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है, वहीं थराली-ग्वालदम मार्ग मिंग्गदेरा में बंद पड़ा है।

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सरकारी आवास और कार्यालयों को नुकसान

थराली तहसील परिसर में बने एसडीएम आवास पर भी मलबे का पहाड़ टूट पड़ा। एसडीएम समेत परिवार के अन्य सदस्य रात में ही आवास छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गए। तहसील के कई अन्य कार्यालयों में भी पानी और मलबा घुसने की खबर है।

राहत-बचाव कार्य जारी

आपदा की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। गौचर से एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें मौके पर पहुंच गईं। वहीं, ग्वालदम से एसएसबी की टुकड़ियां भी राहत-बचाव कार्य में लगी हुई हैं। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी प्रभावित गांवों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे हैं।

स्कूलों में अवकाश घोषित

भारी बारिश और आपदा को देखते हुए प्रशासन ने थराली, देवाल और नारायणबगड़ विकासखंडों के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शनिवार को सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।

ग्रामीणों में दहशत, कई बेघर

थराली क्षेत्र के चेपड़ों और सागवाड़ा गांवों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां कई घर और तीन से अधिक दुकानें बह गई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मलबा घरों में भर गया है, जिससे लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं। कई वाहन बहकर सड़क से घरों तक पहुंच गए। अचानक आई इस आपदा ने ग्रामीणों को दहशत में डाल दिया है।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने पहले ही प्रदेश के पर्वतीय जिलों में भारी बारिश और बादल फटने की आशंका जताई थी। आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की अपील की है।

प्रशासन की चुनौती

थराली में मलबा हटाने और सड़कों को खोलने में प्रशासन को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रातभर से लगी टीमें जेसीबी और मशीनों की मदद से मलबा हटाने का प्रयास कर रही हैं। हालांकि, लगातार बारिश के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है।