उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही: यमुनोत्री हाईवे पर पुल बहा, बद्रीनाथ मार्ग अवरुद्ध
उत्तराखंड में जारी भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण कई मार्ग बंद हो गए हैं, नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है और भूस्खलन की घटनाओं से लोगों में डर का माहौल है। सबसे ज्यादा असर चारधाम यात्रा और स्थानीय लोगों की आवाजाही पर पड़ा है।
उत्तरकाशी में यमुनोत्री हाईवे पर पुल बहा, सड़क संपर्क टूटा
उत्तरकाशी जिले में स्थित ओजरी क्षेत्र में भारी बारिश के कारण यमुनोत्री हाईवे पर बना एक पुल तेज बहाव में बह गया। यह पुल स्थानीय निवासियों के साथ-साथ तीर्थयात्रियों के लिए भी महत्वपूर्ण मार्ग था। पुल के बह जाने से यमुनोत्री धाम की ओर जाने वाले रास्ते पर पूरी तरह से आवागमन बंद हो गया है। आसपास के गांवों जैसे खरशाली, जानकीचट्टी और हनुमानचट्टी का संपर्क शेष क्षेत्र से कट गया है।
प्रशासन की ओर से जेसीबी और अन्य उपकरणों की मदद से वैकल्पिक रास्ते बनाने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन मौसम लगातार बाधा डाल रहा है। कई ग्रामीणों ने बताया कि जरूरी दवाइयों और राशन की आपूर्ति तक प्रभावित हो गई है।

श्रीनगर में भारी भूस्खलन से बद्रीनाथ हाईवे अवरुद्ध
श्रीनगर, गढ़वाल में लगातार हो रही तेज बारिश के चलते शनिवार रात को भारी भूस्खलन हुआ। इसके कारण बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-58) कई स्थानों पर मलबे से ढक गया है। खासकर सिरोबगड़ और तोता घाटी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पहाड़ियों से मलबा और पत्थर गिरने का सिलसिला जारी है, जिससे हाईवे पूरी तरह बंद है।
इस मार्ग से होकर बद्रीनाथ धाम, जोशीमठ, औली और अन्य प्रमुख तीर्थ स्थानों तक यात्रा की जाती है। हाईवे बंद होने के कारण हजारों यात्री फंस गए हैं। यात्रियों को अस्थायी शिविरों और स्कूल भवनों में ठहराया गया है। प्रशासन ने भोजन और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की है।

चारधाम यात्रा पर संकट
यमुनोत्री और बद्रीनाथ मार्ग बाधित होने से चारधाम यात्रा पर बड़ा असर पड़ा है। श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही थी, लेकिन मार्ग अवरुद्ध होने के कारण कई जगहों पर श्रद्धालु फंसे हुए हैं। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे यात्रा फिर से शुरू होने की संभावना बेहद कम है।

प्रशासन और SDRF राहत कार्य में जुटे
राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं और कई स्थानों पर नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं ताकि फंसे हुए यात्रियों और ग्रामीणों को समय पर सहायता मिल सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को अलर्ट रहने और सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है और सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, और पौड़ी जिलों में अगले दो दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इसके चलते और भूस्खलन तथा सड़क अवरोध की घटनाएं हो सकती हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे गैर जरूरी यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड की पर्वतीय बेल्ट में बारिश अब आपदा बनती जा रही है। पुलों का बह जाना, हाईवे का बंद हो जाना और चारधाम यात्रा का प्रभावित होना न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी गंभीर स्थिति उत्पन्न कर रहा है। यह समय है जब प्रशासन और आमजन दोनों को सतर्कता और संयम से काम लेना होगा।
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