वाशिंगटन/नई दिल्ली। भारत द्वारा हाल ही में अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर के अंतरराष्ट्रीय असर अब सामने आने लगे हैं। इस सैन्य अभियान में कई खूंखार आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। इनमें एक नाम ऐसा भी है, जिसने दो दशकों पहले पूरी दुनिया को हिला दिया था — अब्दुल रऊफ अजहर, वह आतंकी जिसने 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की निर्मम हत्या की थी।
डेनियल पर्ल हत्याकांड के आरोपी की मौत
अब्दुल रऊफ अजहर, जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष कमांडर और आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड माना जाता रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत उसकी सटीक जानकारी के आधार पर कार्रवाई की गई और वह मार गिराया गया। अमेरिका समेत कई अंतरराष्ट्रीय समुदायों ने इस कार्रवाई पर भारत की खुलकर सराहना की है।
अमेरिका में भारत के समर्थन में आवाज़
अमेरिका की पूर्व राजनयिक एली कोहनिम ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक संदेश साझा करते हुए लिखा —
“बहुत लंबे समय से हमें डेनियल पर्ल की हत्या के लिए न्याय नहीं मिला। मैं व्यक्तिगत रूप से भारत सरकार की आभारी हूं। डेनियल पर्ल को उनके अंतिम शब्दों के लिए हमेशा याद किया जाएगा।”
उन्होंने डेनियल पर्ल के अंतिम शब्द भी याद दिलाए —
“मेरा पिता यहूदी थे, मेरी मां यहूदी है और मैं भी यहूदी हूं।”
एली कोहनिम ने कहा कि यह शब्द यहूदी इतिहास में हजारों साल तक गूंजते रहेंगे।
पत्रकार बिरादरी और मानवाधिकार समूहों की प्रतिक्रिया
डेनियल पर्ल की हत्या एक साफ संदेश था कि आतंकवाद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सबसे बड़ा दुश्मन है। आज जब उसका हत्यारा अपने अंजाम तक पहुंच चुका है, तब दुनिया भर के पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता और कूटनीतिक वर्ग भारत को धन्यवाद कह रहा है।
भारत के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
6 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की रिपोर्ट है। भारत सरकार ने इस कार्रवाई को आतंक के खिलाफ निर्णायक प्रहार करार दिया है। अब इस अभियान की सफलता को अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी मिल रही है।
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