नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और अमेरिका के बीच हुई उच्चस्तरीय बातचीत ने कूटनीतिक हलचलें तेज कर दी हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के बीच हुई बातचीत में अमेरिका ने साफ कहा है कि वह भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है।
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इस हमले ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया है और भारत की सुरक्षा एजेंसियां लगातार कार्रवाई की दिशा में सक्रिय हैं।
राजनाथ सिंह के कार्यालय ने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से दी। पोस्ट में बताया गया कि अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भारत के साथ एकजुटता में खड़ा है और इस प्रकार के हमलों के खिलाफ भारत जो भी कदम उठाता है, उसका समर्थन करता है।
हेगसेथ ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अमेरिकी सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराते हुए भरोसा दिलाया कि वैश्विक मंचों पर भारत की सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से उठाया जाएगा।
राजनाथ-हेगसेथ वार्ता का व्यापक संदेश
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के रक्षा प्रमुख के बीच यह बातचीत केवल एक औपचारिक शोक संवेदना नहीं थी, बल्कि इसके कई रणनीतिक मायने हैं:
- अमेरिका ने पहली बार इतने खुले शब्दों में भारत के आत्मरक्षा के अधिकार की सार्वजनिक रूप से वकालत की है।
- यह संदेश पाकिस्तान और उसके संरक्षकों के लिए सीधा संकेत है कि अगर भारत जवाबी कार्रवाई करता है तो उसे वैश्विक समर्थन मिलेगा।
- भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक बल मिला है।
इस बातचीत ने भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूत किया है और यह संकेत दिया है कि भारत यदि सीमापार से हो रहे आतंकी हमलों के खिलाफ सख्त कदम उठाता है, तो उसे वैश्विक समर्थन मिलेगा।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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