अमेरिकी सेना ने वेनेजुएला की नाव पर हमला किया, ट्रम्प के आदेश पर 11 की मौत
नई दिल्ली/वॉशिंगटन। अमेरिकी सेना ने मंगलवार को कैरीबियन सागर में वेनेजुएला की एक नाव पर हवाई और नौसैनिक हमला किया, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई। इस घटना को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि इस हमले का आदेश खुद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया था।
रुबियो के मुताबिक, अमेरिकी सेना के पास उस नाव को जब्त करने का विकल्प मौजूद था, लेकिन ट्रम्प ने इसे उड़ाने का आदेश दिया। रुबियो ने यह भी कहा कि केवल ड्रग्स जब्त करने से कार्टेल पर असर नहीं पड़ेगा, और अगर उनका पूरी तरह से सफाया करना है तो उन्हें भौतिक रूप से नष्ट करना ही होगा।

हमला क्यों किया गया
रुबियो ने बताया कि नाव पर मौजूद लोग और सामान अमेरिका के लिए सीधा खतरा थे। नाव पर भारी मात्रा में कोकीन और फेंटेनाइल जैसी ड्रग्स थीं, जो देश में व्यापक स्तर पर फैल सकती थीं और लोगों की जान को खतरा पैदा कर सकती थीं। इसलिए, किसी चेतावनी के बिना ही अमेरिकी सेना ने नाव को निशाना बनाया।
. @POTUS “Earlier this morning, on my Orders, U.S. Military Forces conducted a kinetic strike against positively identified Tren de Aragua Narcoterrorists in the SOUTHCOM area of responsibility. TDA is a designated Foreign Terrorist Organization, operating under the control of… pic.twitter.com/aAyKOb9RHb
— DOD Rapid Response (@DODResponse) September 2, 2025
ट्रम्प का बयान
इस हमले के बाद पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि नाव पर ‘ट्रेन डे अरागुआ’ गिरोह के सदस्य थे, जिसे अमेरिका पहले ही आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है। ट्रम्प ने पत्रकारों से कहा:
“हमारे पास उनकी बातचीत के टेप हैं। हमारे देश में बहुत बड़ी मात्रा में ड्रग्स आ रहे थे, जो कई लोगों को मार सकते थे। आप खुद देख सकते हैं कि नाव पर ड्रग्स के पैकेट थे और उसी पर हमला किया गया। अब वे दोबारा ऐसा नहीं करेंगे।”
ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर उस हमले का वीडियो फुटेज भी साझा किया। वीडियो में एक स्पीडबोट पानी में दौड़ती दिखाई देती है और विस्फोट के बाद उड़ जाती है। हालांकि, वीडियो ब्लैक-एंड-व्हाइट है और इसमें साफ नहीं दिखाई देता कि नाव पर कितने लोग थे या ड्रग्स मौजूद थीं या नहीं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यह हमला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित माना जा रहा है। कुछ देशों और मानवाधिकार समूहों ने कहा है कि इस तरह का सैन्य हमला, जिसमें नागरिकों की जान का खतरा हो, अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सवालों के घेरे में आता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी प्रशासन का यह कदम ड्रग्स तस्करी के खिलाफ सख्त नीति का हिस्सा है, लेकिन इस पर आलोचना भी बढ़ रही है कि क्या इसका प्रभाव कार्टेल के नेटवर्क पर स्थायी होगा या नहीं।
ट्रम्प प्रशासन की रणनीति
रुबियो ने स्पष्ट किया कि अमेरिकी रणनीति का लक्ष्य सिर्फ ड्रग्स जब्त करना नहीं, बल्कि गिरोहों को नष्ट करना है। उनका मानना है कि केवल ड्रग्स जब्त करने से तस्करी जारी रहेगी। ट्रम्प ने भी कहा कि यह हमला अमेरिका में ड्रग संकट से निपटने के लिए जरूरी कदम था।
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