October 15, 2025 11:26 PM

संघीय बजट पर गतिरोध से अमेरिका में शटडाउन का खतरा, ट्रंप प्रशासन पर संकट गहराया

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अमेरिका में शटडाउन का संकट गहराया, बजट बिल पास न होने से ट्रंप प्रशासन को झटका

वॉशिंगटन। अमेरिका एक बार फिर सरकारी शटडाउन के कगार पर खड़ा है। मंगलवार देर रात सीनेट में संघीय बजट से जुड़ा अस्थायी फंडिंग बिल पास नहीं हो सका, जिसके कारण राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। वोटिंग में बिल के समर्थन में 55 और विरोध में 45 वोट पड़े, जबकि इसे पारित कराने के लिए 60 वोट जरूरी थे।


सीनेट में नाकाम रहा ट्रंप का प्रयास

सौ सदस्यीय सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के पास 53 सांसद हैं, जबकि डेमोक्रेट्स के 47 सांसद और 2 निर्दलीय सदस्य हैं।

  • फंडिंग बिल को पास कराने के लिए ट्रंप प्रशासन को कम से कम 7 डेमोक्रेट सांसदों के समर्थन की जरूरत थी।
  • पर्याप्त समर्थन न मिलने से बिल गिर गया और इससे ट्रंप प्रशासन के सामने सरकारी फंडिंग का संकट खड़ा हो गया।

यह बिल 1.7 लाख करोड़ डॉलर (लगभग एक चौथाई अमेरिकी बजट) का था, जिससे संघीय एजेंसियों का संचालन होना था। बिल के खारिज होने से अब सरकार के पास जरूरी फंडिंग नहीं है।


शटडाउन का क्या मतलब?

अमेरिकी कानून के मुताबिक, जब तक बजट या अस्थायी फंडिंग बिल पास नहीं होता, तब तक संघीय सरकार गैर-जरूरी विभागों और सेवाओं को बंद करने के लिए बाध्य होती है। इसे ही शटडाउन कहा जाता है।

  • नया वित्त वर्ष अमेरिका में 1 अक्टूबर से शुरू होता है।
  • बजट पास नहीं होने की स्थिति में लगभग 40% सरकारी कर्मचारी, यानी करीब 8 लाख कर्मचारी, बिना वेतन छुट्टी पर भेजे जा सकते हैं।
  • इससे कई सेवाएं ठप हो जाएंगी, जैसे संघीय संग्रहालय, पार्क, शोध परियोजनाएं और कई प्रशासनिक कार्य।

सात साल बाद फिर संकट

अगर शटडाउन लागू होता है तो यह सात साल बाद पहला मौका होगा जब अमेरिका में फंड की कमी के कारण सरकारी सेवाएं प्रभावित होंगी।

  • पिछली बार 2018 में ट्रंप के कार्यकाल में ही शटडाउन हुआ था, जो 34 दिनों तक चला और यह अमेरिकी इतिहास का सबसे लंबा शटडाउन था।
  • पिछले 50 वर्षों में अमेरिका में 20 बार शटडाउन हो चुका है।
  • ट्रंप के पिछले कार्यकाल में ही सरकार को तीन बार शटडाउन का सामना करना पड़ा था।

असर आम अमेरिकियों पर

शटडाउन का सीधा असर आम नागरिकों और सरकारी कर्मचारियों पर पड़ता है।

  • लाखों कर्मचारी बिना वेतन के घर बैठ जाते हैं।
  • आर्थिक गतिविधियों पर दबाव बढ़ता है, पर्यटन से लेकर बैंकिंग तक कई सेवाएं बाधित होती हैं।
  • निवेशकों का भरोसा कमजोर होता है, जिससे शेयर बाजार और डॉलर पर नकारात्मक असर पड़ता है।

राजनीतिक दबाव और अनिश्चितता

ट्रंप के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है कि वे विपक्ष को साथ लाकर जल्द से जल्द समझौता करें।

  • डेमोक्रेट पार्टी संघीय बजट में कई प्रावधानों को लेकर आपत्ति जता रही है।
  • रिपब्लिकन पार्टी का मानना है कि यह बिल ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए बेहद अहम है।

लेकिन लगातार असफल प्रयासों ने ट्रंप की राजनीतिक साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं।



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