नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा 104 भारतीयों को भारत वापस भेजे जाने के बाद कई नई जानकारियां सामने आई हैं। इनमें यह खुलासा हुआ है कि कई भारतीय, खासतौर पर गुजरात और पंजाब के लोग, अवैध रूप से अमेरिका पहुंचकर शरण पाने के लिए झूठे हलफनामे दाखिल कर रहे हैं। वे अपने परिवारों को ऐसे झूठे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जिनमें दावा किया जाता है कि भारत में उनकी जान को खतरा है।
शरण पाने के लिए गढ़ी जा रही झूठी कहानियां
अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले इन भारतीयों द्वारा दायर किए गए हलफनामों में आमतौर पर निम्नलिखित दावे किए जाते हैं:
- राजनीतिक उत्पीड़न का दावा
- कई अप्रवासी यह दावा करते हैं कि वे भाजपा या कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं और विरोधी पार्टी के कार्यकर्ता उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं। वे आरोप लगाते हैं कि स्थानीय पुलिस ने उनकी शिकायत तक दर्ज नहीं की, जिससे उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा।
- धार्मिक और सांप्रदायिक आधार पर खतरे का दावा
- कुछ लोग दावा करते हैं कि वे ऐसे इलाके में रहते थे, जहां अन्य धर्म के लोगों की बहुलता थी। वहां उनके प्रेम संबंधों को लेकर स्थानीय लोगों से विवाद हुआ और अब उन्हें जान का खतरा है।
- कुछ शरणार्थी यह भी दावा करते हैं कि उनकी पत्नी पर अन्य समुदाय के लोगों ने हमला किया और अब वे अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़ने को मजबूर हैं।
- सामुदायिक संघर्ष और उत्पीड़न का झूठा दावा
- गांव में दो समुदायों के बीच झगड़ा हुआ, जिसमें उनके परिवार का कोई सदस्य शामिल था। अब दूसरे समुदाय के लोग उन्हें मारने की कोशिश कर रहे हैं और पुलिस भी कुछ नहीं कर रही।
- आर्थिक तंगी और कर्ज के कारण शरण की मांग
- कई अप्रवासी यह दावा कर रहे हैं कि कोरोना महामारी के दौरान उनका कारोबार पूरी तरह से बर्बाद हो गया। सरकार ने कोई मदद नहीं की, भारी कर्ज चढ़ गया और अब कर्ज वसूली करने वाले उन्हें मारने की धमकी दे रहे हैं।
104 भारतीयों को किया गया डिपोर्ट
अमेरिका ने 4 फरवरी को 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को भारत वापस भेजा। अमेरिकी मिलिट्री का C-17 ग्लोबमास्टर विमान 5 फरवरी को पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इन अप्रवासियों को बेड़ियों में जकड़ा गया था और उनके हाथ भी चेन से बांधे गए थे। इनके साथ 11 क्रू मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी आए।
डिपोर्ट किए गए भारतीयों की राज्यवार संख्या:
- पंजाब – 30
- हरियाणा – 33
- गुजरात – 33
विदेश मंत्रालय ने 7 फरवरी को बताया कि अमेरिका ने 487 अवैध भारतीय अप्रवासियों को डिपोर्ट करने की योजना बनाई है। इनमें से 298 लोगों की पहचान कर ली गई है।
अमेरिका में अवैध भारतीयों की संख्या 7.25 लाख से अधिक
प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में 7.25 लाख से अधिक भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं।
- 20,407 भारतीय बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे हैं।
- 2,467 भारतीय अमेरिका के इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) के डिटेंशन सेंटर्स में बंद हैं।
- 17,940 भारतीयों को गिरफ्तार तो नहीं किया गया है, लेकिन उनके पैरों में डिजिटल ट्रैकर (एंकल मॉनीटर) लगाए गए हैं, जिससे उनकी लोकेशन 24×7 ट्रैक की जाती है।
डंकी रूट से अमेरिका जाने का चलन
डंकी रूट अवैध रूप से अमेरिका जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रास्तों का एक नेटवर्क है। इसमें लोग:
- दक्षिण अमेरिका के विभिन्न देशों जैसे इक्वाडोर, पनामा और मैक्सिको के जरिए अमेरिका में प्रवेश करते हैं।
- जंगलों और दुर्गम रास्तों से गुजरकर मैक्सिको-अमेरिका सीमा पार करते हैं।
- इस यात्रा में मानव तस्करों को लाखों रुपये दिए जाते हैं।
भारत की बदनामी का कारण बन रहे हैं झूठे शरणार्थी
इस पूरे मामले में यह स्पष्ट हुआ है कि कई भारतीय केवल डॉलर कमाने की लालसा में झूठे दावे कर रहे हैं और अपनी मातृभूमि को बदनाम करने से भी नहीं हिचकिचाते। अमेरिका में दाखिल होने के लिए दिए गए झूठे हलफनामे न केवल भारतीय प्रशासन और पुलिस व्यवस्था की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि वास्तविक पीड़ितों के लिए शरण प्रक्रिया को और कठिन बना रहे हैं।
अमेरिका में शरण के लिए झूठे दावे करना न केवल अनैतिक है, बल्कि यह भारत की साख को भी नुकसान पहुंचा रहा है। अमेरिकी प्रशासन अब ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच कर रहा है और झूठे दावे करने वालों को तेजी से डिपोर्ट किया जा रहा है। आने वाले समय में अमेरिका और अन्य देशों की ओर से अवैध प्रवास को लेकर और सख्त कदम उठाए जाने की संभावना है।