August 1, 2025 1:23 PM

यमन में अमेरिकी हवाई हमला: 74 लोगों की मौत, तनाव गहराया

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यमन में अमेरिका द्वारा किए गए हालिया हवाई हमले ने एक बार फिर पश्चिम एशिया को अशांत कर दिया है। यह हमला रास ईसा नामक बंदरगाह क्षेत्र में हुआ, जो हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में है। इस हमले में कम से कम 74 लोगों की जान गई और 170 से अधिक घायल हुए। यह 2025 में अब तक का सबसे घातक हमला माना जा रहा है।

हमले की वजह क्या थी?

अमेरिकी सेना ने इस हमले को हूती विद्रोहियों की आर्थिक और सैन्य शक्ति को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया ऑपरेशन बताया। रास ईसा बंदरगाह पर हमला इसलिए हुआ क्योंकि इसे हूतियों की ईंधन आपूर्ति और वित्तीय गतिविधियों का मुख्य केंद्र माना जाता है। इस इलाके में तेल टर्मिनल भी मौजूद हैं, जिनके नष्ट होने से समुद्र में तेल फैलने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे पर्यावरणीय संकट भी गहराया है।

हूती विद्रोहियों की नाराज़गी

हूती विद्रोहियों ने इस हमले की तीखी आलोचना करते हुए अमेरिका पर आरोप लगाया कि उसने नागरिकों को निशाना बनाया है। उनका दावा है कि ये हमला फिलिस्तीन के समर्थन में उठाई जा रही उनकी आवाज़ को दबाने के लिए किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जल्द ही अमेरिका और उसके सहयोगियों को इसका जवाब मिलेगा।

क्षेत्र में बढ़ा तनाव

इस हमले के बाद यमन में हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं। हूती गुट ने बदले की कार्रवाई की धमकी दी है और यह संकेत दिए हैं कि वह अमेरिका और इज़रायल के ठिकानों को निशाना बना सकते हैं। साथ ही खबरें आ रही हैं कि एक चीनी सैटेलाइट कंपनी भी जांच के दायरे में है, जिस पर हूतियों को निशाना तय करने में मदद देने का शक जताया गया है।

अंतरराष्ट्रीय चिंता

यमन में पहले से ही मानवीय संकट गहरा है और इस तरह के हमलों से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि इस एकतरफा कार्रवाई से क्षेत्रीय शांति की कोशिशों को झटका लग सकता है और एक व्यापक संघर्ष की जमीन तैयार हो सकती है।



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