उड़ी सेक्टर के तोरणा में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, सेना का तलाशी अभियान जारी

बारामूला। जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में एक बार फिर से आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया। सोमवार तड़के उड़ी के तोरणा इलाके में सेना के सतर्क जवानों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर भारतीय सीमा की ओर बढ़ रहे 3 से 4 हथियारबंद आतंकियों को देखते ही अपनी पोजीशन संभाल ली। इसके बाद आतंकियों को सरेंडर करने की चेतावनी दी गई, लेकिन उन्होंने जवाब में फायरिंग शुरू कर दी। सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया और करीब 20 मिनट तक दोनों ओर से गोलीबारी होती रही। गोलीबारी थमने के बाद आशंका है कि आतंकी वापस गुलाम कश्मीर की ओर भाग निकले।

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लगातार हो रहे घुसपैठ के प्रयास

पिछले 15 दिनों में यह दूसरी बड़ी घुसपैठ की कोशिश है। इससे पहले 13 अगस्त को उड़ी सेक्टर के चुरुंडा इलाके में पाकिस्तानी सेना के बैट दस्ते ने इसी तरह घुसपैठ का प्रयास किया था। उस दौरान मुठभेड़ में सेना ने आतंकियों को खदेड़ दिया था, हालांकि इस वीरता में एक भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हुआ था। बार-बार हो रहे इन प्रयासों से यह साफ है कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों को भारतीय सीमा में भेजने की साजिश लगातार जारी है।

ग्रामीणों को किया सतर्क

घटना के तुरंत बाद सेना ने पूरे इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया। अग्रिम चौकियों और सीमावर्ती गांवों के निवासियों को सतर्क कर दिया गया है। ग्रामीणों से कहा गया है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना तुरंत सुरक्षा चौकियों को दें। सुरक्षा बलों ने एलओसी से सटे सभी रास्तों और घने जंगलों की तलाशी अभियान तेज कर दिया है।

सतर्कता से नाकाम हुई साजिश

सेना के सूत्रों के मुताबिक घुसपैठ की यह कोशिश सोची-समझी रणनीति का हिस्सा थी। आतंकियों ने अंधेरे और घनी झाड़ियों का फायदा उठाने की कोशिश की थी, लेकिन जवानों की सतर्कता के कारण उनकी योजना सफल नहीं हो पाई। सुरक्षा बलों का कहना है कि तलाशी अभियान के बाद ही इस मुठभेड़ से जुड़ी विस्तृत जानकारी सामने आ पाएगी।

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पाकिस्तान की मंशा पर सवाल

विशेषज्ञों का मानना है कि नियंत्रण रेखा पर बार-बार हो रही घुसपैठ की कोशिशें पाकिस्तान की नाकाम रणनीति को उजागर करती हैं। एक ओर जहां पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों से इंकार करता है, वहीं दूसरी ओर उसकी सरहद से आए दिन घुसपैठ की कोशिशें भारतीय सेना को चुनौती देती रहती हैं।