नई दिल्ली। डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से जुड़े अहम बदलावों को आज, 16 जून 2025 से लागू कर दिया है। इसके तहत अब UPI ट्रांजैक्शन पहले से 50% तेज हो गए हैं। यानी, पहले जहां पेमेंट को प्रोसेस होने में 30 सेकेंड तक का समय लगता था, अब यह प्रक्रिया अधिकतम 15 सेकेंड में पूरी हो जाएगी।

ट्रांजैक्शन स्पीड दोगुनी, फ्रिक्शन होगी कम

UPI यूजर्स अक्सर ट्रांजैक्शन में देरी और स्टेटस पेंडिंग जैसी समस्याओं से परेशान रहते थे। इसी को ध्यान में रखते हुए NPCI ने पेमेंट एप्स और बैंकों को अपने तकनीकी ढांचे (API सिस्टम) को अपग्रेड करने का निर्देश दिया था। अब पेमेंट प्रोसेसिंग का समय घटाकर 15 सेकेंड कर दिया गया है, जिससे रियल टाइम पेमेंट का अनुभव और बेहतर हो गया है।

ट्रांजैक्शन रिवर्सल और स्टेटस भी अब 10 सेकेंड में

नए अपडेट के तहत सिर्फ भुगतान ही नहीं, बल्कि गलत पेमेंट को रिवर्स करना या किसी ट्रांजैक्शन का स्टेटस जानना भी अब पहले से तेज हो गया है। पहले जहां यह प्रक्रिया 30 सेकेंड तक ले सकती थी, अब यह 10 सेकेंड में पूरी हो सकेगी

ट्रांजैक्शन अटकने पर कन्फर्मेशन भी जल्दी

अगर किसी वजह से ट्रांजैक्शन अटक जाए, तो पेमेंट एप्स अब 90 सेकेंड तक इंतज़ार नहीं करेंगे। नई गाइडलाइन के अनुसार, एप्स को अब 45 से 60 सेकेंड के भीतर ही पेंडिंग ट्रांजैक्शन का स्टेटस चेक करने की अनुमति होगी। इससे फेल ट्रांजैक्शन की पहचान और समाधान पहले से तेज होगा।

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आपको क्या करना है?

इस बदलाव से यूजर्स को किसी तरह की एक्टिव भूमिका नहीं निभानी है। हालांकि, NPCI ने सलाह दी है कि यूजर्स अपने UPI एप्स (जैसे गूगल पे, फोनपे, पेटीएम) को नवीनतम वर्जन में अपडेट रखें, ताकि सभी तकनीकी फायदे मिल सकें।

फ्रॉड पर नियंत्रण का अप्रत्यक्ष असर

हालांकि यह बदलाव फ्रॉड रोकने के लिए प्रत्यक्ष रूप से नहीं किया गया है, लेकिन तेज ट्रांजैक्शन और फौरन स्टेटस जानकारी से गलत पेमेंट जल्दी पकड़ी जा सकेगी। इससे यूजर्स को धोखाधड़ी के मामले में समय रहते कदम उठाने में मदद मिलेगी।


आने वाले महीनों में UPI में और भी बदलाव:

🔹 1 अप्रैल 2025 से

  • हर एप में पासकोड या पैटर्न लॉक अनिवार्य होगा।
  • UPI लाइट अकाउंट से पैसे निकालना आसान होगा।

🔹 30 जून 2025 से

  • पेमेंट करने से पहले यूजर्स को बेनिफिशियरी का बैंक नाम दिखेगा, जिससे गलत अकाउंट में पैसा भेजने की संभावना कम होगी।

🔹 1 अगस्त 2025 से

  • बैलेंस चेक करने की सीमा 50 बार प्रति दिन प्रति एप होगी।
  • ऑटोपे ट्रांजैक्शन अब सिर्फ नॉन-पीक आवर्स में होंगे, ताकि सर्वर पर लोड कम हो।

तेजी से बढ़ रही UPI की लोकप्रियता

डिजिटल भुगतान में UPI का वर्चस्व लगातार बढ़ रहा है। मई 2025 में 18.67 अरब ट्रांजैक्शन हुए, जिनमें 25.14 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ। यह आंकड़ा पिछले महीने की तुलना में 4% अधिक है, जो दर्शाता है कि देश में डिजिटल पेमेंट की स्वीकार्यता लगातार बढ़ रही है।