डिजिटल इंडिया की वैश्विक सफलता
भारत का यूपीआई अब जापान में भी शुरू, एनटीटी डेटा से साझेदारी — 10वां देश जिसने अपनाया डिजिटल इंडिया मॉडल
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर।
भारत की डिजिटल पेमेंट क्रांति (UPI Revolution) अब एशिया के तकनीकी रूप से विकसित देश जापान तक पहुंच गई है।
कतर, फ्रांस और सिंगापुर के बाद अब जापान भी भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को अपनाने जा रहा है।
इस साझेदारी के साथ भारत का यूपीआई अब दुनिया के 10 देशों में इस्तेमाल होने लगा है, जो “डिजिटल इंडिया” की ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।
💠 एनपीसीआई और एनटीटी डेटा जापान के बीच समझौता
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की अंतर्राष्ट्रीय शाखा एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) ने
जापान की अग्रणी आईटी और बिजनेस सर्विस कंपनी एनटीटी डेटा जापान के साथ औपचारिक साझेदारी की है।
इस समझौते के तहत जापान के व्यापारिक प्रतिष्ठानों, दुकानों, रेस्टोरेंट्स और सेवा प्रदाताओं पर
भारत के यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए डिजिटल भुगतान (UPI-based QR Code Payments) की सुविधा शुरू की जाएगी।
🏦 एनटीटी डेटा — जापान की सबसे बड़ी कार्ड नेटवर्क कंपनी
एनटीटी डेटा जापान की सबसे बड़ी पेमेंट नेटवर्क कंपनी है, जो देश के प्रसिद्ध CAFiS (Credit and Finance Information System) प्लेटफॉर्म का संचालन करती है।
यह प्लेटफॉर्म जापान के लगभग सभी प्रमुख बैंकों, कार्ड कंपनियों, एटीएम नेटवर्क और लाखों व्यापारियों को जोड़ता है।
अब इस नेटवर्क के माध्यम से भारतीय पर्यटक और व्यापारी जापान में अपने यूपीआई ऐप (जैसे PhonePe, Paytm, BHIM आदि) से
सीधे क्यूआर कोड स्कैन करके भुगतान कर सकेंगे — बिलकुल वैसे ही जैसे वे भारत में करते हैं।
🌏 भारतीय पर्यटकों के लिए बड़ी राहत
इस साझेदारी का सबसे बड़ा लाभ भारतीय यात्रियों और पर्यटकों को मिलेगा।
अब वे जापान के टोक्यो, क्योटो, ओसाका, योकोहामा जैसे शहरों में खरीदारी, होटल, टैक्सी और रेस्तरां में
अपने यूपीआई ऐप से तुरंत पेमेंट कर सकेंगे — बिना क्रेडिट कार्ड या करेंसी एक्सचेंज के झंझट के।
इससे न केवल भारतीय यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ेगी, बल्कि जापानी कारोबारियों को भी भारतीय ग्राहकों तक सीधी पहुंच मिलेगी।

🌐 अब 10 देशों में काम कर रहा है यूपीआई
भारत का यूपीआई अब दुनिया के 10 देशों में सक्रिय रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है।
इन देशों में शामिल हैं —
- संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
- कतर
- फ्रांस
- सिंगापुर
- भूटान
- नेपाल
- श्रीलंका
- मॉरीशस
- त्रिनिदाद और टोबैगो
- जापान
इससे पहले फरवरी 2024 में भारत और फ्रांस के बीच समझौते के बाद
पेरिस के एफिल टॉवर पर भी यूपीआई पेमेंट शुरू किया गया था,
जबकि सिंगापुर के मर्चेंट नेटवर्क में भी यूपीआई इंटीग्रेशन सफल रहा था।
🗣️ अधिकारियों ने क्या कहा
रितेश शुक्ला, प्रबंध निदेशक और सीईओ, एनआईपीएल ने कहा —
“यह साझेदारी जापान में यूपीआई स्वीकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
हमारा लक्ष्य वैश्विक स्तर पर यूपीआई को सबसे भरोसेमंद, सुरक्षित और पारदर्शी भुगतान प्रणाली बनाना है।”
वहीं मसानोरी कुरिहारा, पेमेंट प्रमुख, एनटीटी डेटा जापान ने कहा —
“हम भारत से आने वाले यात्रियों के लिए नए भुगतान विकल्प प्रदान कर रहे हैं।
यह सहयोग जापान और भारत के बीच व्यापार, पर्यटन और तकनीकी संबंधों को नई ताकत देगा।”
📱 यूपीआई — भारत की डिजिटल सफलता की पहचान
भारत में यूपीआई सिस्टम की शुरुआत 2016 में हुई थी।
आज यह विश्व की सबसे तेज़ और सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली रीयल-टाइम डिजिटल पेमेंट प्रणाली बन चुकी है।
हर महीने 1000 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन यूपीआई के माध्यम से किए जा रहे हैं।
जापान जैसे तकनीकी रूप से उन्नत देश द्वारा यूपीआई को अपनाना इस बात का प्रमाण है कि
भारत की फिनटेक नवाचार (Fintech Innovation) अब वैश्विक स्तर पर भरोसेमंद मॉडल बन चुकी है।
🤝 भारत-जापान साझेदारी से बढ़ेगा व्यापार और पर्यटन
यह समझौता न केवल वित्तीय सहयोग का प्रतीक है, बल्कि दोनों देशों के बीच
डिजिटल कनेक्टिविटी, व्यापारिक सुविधा और टूरिज्म विकास को भी नया आयाम देगा।
भारत-जापान पहले से ही बुलेट ट्रेन, रक्षा सहयोग और तकनीकी निवेश जैसे क्षेत्रों में मजबूत साझेदार हैं।
अब डिजिटल पेमेंट कनेक्टिविटी इस संबंध को और सशक्त बनाएगी।
📊 डिजिटल इंडिया बना वैश्विक ब्रांड
जापान में यूपीआई की एंट्री के साथ भारत ने साबित कर दिया है कि
“डिजिटल इंडिया केवल एक नीति नहीं, बल्कि एक वैश्विक ब्रांड बन चुका है।”
यूपीआई मॉडल ने दुनिया को दिखा दिया है कि कैसे कैशलेस इकोनॉमी को
सुरक्षित, सरल और सर्वसुलभ बनाया जा सकता है।
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