भारत के विभिन्न राज्यों में हुए 46 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों के उपचुनावों ने राजनीतिक परिदृश्य को नया मोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, केरल, असम, और उत्तराखंड में हुए इस चुनाव ने भाजपा, कांग्रेस, और क्षेत्रीय दलों के बीच जमकर मुकाबला देखने को मिला। नतीजे भी कई महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश दे रहे हैं, जो आगामी लोकसभा चुनावों की दिशा तय कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश: भाजपा और सपा के बीच मुकाबला जारी
उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुआ था, जिनमें भाजपा ने 6 पर बढ़त बनाई है, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) 3 सीटों पर आगे चल रही है। गाजियाबाद, मीरापुर, और सीसामऊ जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर भाजपा ने मजबूत स्थिति बनाई है, जबकि सपा ने मझवां और करहल में पकड़ बनाए रखी है।
पंजाब: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में संघर्ष
पंजाब की 4 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। जहां आप ने 2 सीटों पर बढ़त बनाई, वहीं कांग्रेस ने 2 सीटों पर अपनी स्थिति मजबूत की। पंजाब के ग्रामीण इलाकों में "आप" का असर देखा गया, जबकि शहरी इलाकों में कांग्रेस ने जोरदार वापसी की।
महाराष्ट्र: नांदेड़ लोकसभा और विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का दबदबा
महाराष्ट्र में कांग्रेस ने नांदेड़ लोकसभा सीट पर जीत की ओर कदम बढ़ाए हैं, जहां रवींद्र चव्हाण भाजपा के संतुक हंबार्डे से आगे चल रहे हैं। इसके अलावा, चंद्रपुर और परभणी विधानसभा सीटों पर भाजपा बढ़त बनाए हुए हैं।
केरल: प्रियंका गांधी की वायनाड सीट पर बढ़त
केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर प्रियंका गांधी ने मजबूत बढ़त बनाई है। वहीं, केरल की विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और माकपा के बीच कड़ी टक्कर जारी है।
असम: भाजपा का मजबूत प्रदर्शन
असम की धोलाई विधानसभा सीट पर भाजपा के निहार रंजन दास ने कांग्रेस के ध्रुबज्योति पुरकायस्थ को पीछे छोड़ दिया है। मरियानी और रंगिया विधानसभा सीटों पर भी भाजपा ने बढ़त बनाई है।
उत्तराखंड: रामनगर में भाजपा और कांग्रेस की भिड़ंत
उत्तराखंड की रामनगर विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है, जो परिणामों के हिसाब से निर्णायक साबित हो सकता है।
कुल मिलाकर राजनीतिक समीकरण
इन उपचुनावों के परिणाम 2024 के लोकसभा चुनावों में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। भाजपा ने कुछ राज्यों में अपनी पकड़ बनाए रखी है, लेकिन कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों का मजबूत प्रदर्शन दर्शाता है कि आगामी चुनावों में कड़ा मुकाबला होगा।
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