यूनेस्को ने लखनऊ की पाककला को ‘क्रिएटिव सिटी’ में शामिल किया, भारत की सांस्कृतिक पहचान को मिला वैश्विक सम्मान: शेखावत
जोधपुर, 1 नवंबर। भारत की समृद्ध पाक परंपरा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नया गौरव मिला है। यूनेस्को (UNESCO) ने अपनी क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क 2025 की सूची में लखनऊ को ‘गैस्ट्रोनॉमी श्रेणी’ में शामिल किया है। इसका अर्थ है कि अब लखनवी व्यंजन — अपनी नज़ाकत, नवाबी स्वाद, पारंपरिक पाककला और मसालों की अनोखी खुशबू के साथ — विश्व पर्यटन के मानचित्र पर विशेष पहचान बना चुके हैं।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जोधपुर में इस उपलब्धि की घोषणा करते हुए कहा कि यह केवल लखनऊ की नहीं, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक विविधता और परंपरा की विजय है। उन्होंने कहा कि भारत ने संस्कृति को एक स्वतंत्र विकास लक्ष्य (Independent Development Goal) के रूप में वैश्विक एजेंडे में स्थापित करने की दिशा में नेतृत्व किया है और अब यह विचार अंतरराष्ट्रीय नीति निर्धारण का हिस्सा बन रहा है।
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लखनवी स्वाद अब बनेगा वैश्विक पहचान का प्रतीक
शेखावत ने कहा कि लखनवी व्यंजनों की समृद्ध परंपरा सदियों पुरानी है, जो मुगल, नवाबी और स्थानीय स्वादों का अद्भुत संगम है। ‘तुंदे कबाबी’ से लेकर ‘शीरमल’, ‘कुलचा निहारी’, ‘बिरयानी’ और ‘क़ोरमा’ तक, लखनवी रसोई अपनी नफासत, नज़ाकत और तहज़ीब की पहचान रखती है।
उन्होंने कहा कि यूनेस्को की यह मान्यता केवल भोजन की नहीं, बल्कि उस सांस्कृतिक धरोहर की है जो भारतीय समाज की एकता, आतिथ्य और सौहार्द को दर्शाती है। इस उपलब्धि से गैस्ट्रोनॉमी आधारित पर्यटन (Food Tourism) को प्रोत्साहन मिलेगा और लखनऊ की स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और जीडीपी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
संस्कृति को बनाया जा रहा है वैश्विक विकास एजेंडा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत ने अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान संस्कृति को सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) के बाद आने वाले नए विकास लक्ष्यों (Next Development Goals) में शामिल करने का प्रस्ताव रखा था। यह विचार सबसे पहले सऊदी अरब की अध्यक्षता में सामने आया था, जिसे भारत ने ठोस स्वरूप दिया।
शेखावत ने कहा कि “आज विश्व के प्रमुख देश यह समझ रहे हैं कि संस्कृति केवल विरासत नहीं बल्कि सतत विकास का माध्यम है। जो समाज अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ा रहता है, वही तकनीकी और सामाजिक परिवर्तनों के बीच संतुलन बनाए रख सकता है।”
उन्होंने बताया कि भारत की पहल पर ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने भी इस विचार का समर्थन किया। अब जब नए वैश्विक विकास लक्ष्यों को तय किया जाएगा, तो ‘संस्कृति’ को एक स्वतंत्र विकास लक्ष्य के रूप में मान्यता दी जाएगी।
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भारत की नई सांस्कृतिक उपलब्धियाँ
शेखावत ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल रहा है। इस वर्ष महाराष्ट्र के मराठा मिलिट्री लैंडस्केप — छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके उत्तराधिकारियों द्वारा निर्मित ऐतिहासिक किलों के समूह — को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि “इन किलों का ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व अपार है, और इनके शामिल होने से भारत में अब कुल 43 विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Properties) दर्ज हो चुके हैं, जो हमारी सांस्कृतिक विविधता का प्रमाण हैं।”
अब भारत के 10 शहर यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लखनऊ के शामिल होने के बाद अब भारत के 10 शहर यूनेस्को के क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क का हिस्सा बन गए हैं —
- जयपुर (हस्तशिल्प और लोककला)
- वाराणसी (संगीत परंपरा)
- चेन्नई (संगीत)
- मुंबई (फिल्म उद्योग)
- हैदराबाद (पाककला - बिरयानी)
- श्रीनगर (हस्तशिल्प)
- कोझिकोड, केरल (साहित्य)
- ग्वालियर (संगीत)
- लखनऊ (पाककला)
शेखावत ने कहा कि “यह सूची भारत की ‘विविधता में एकता’ की भावना का प्रतीक है। मैं इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और लखनऊ के नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूं।”
छठ पूजा को यूनेस्को सूची में शामिल करने का प्रस्ताव
शेखावत ने यह भी बताया कि भारत ने इस वर्ष ‘छठ पूजा’ को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर (Intangible Cultural Heritage) सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने कहा कि “छठ पूजा भारत की लोक आस्था, पर्यावरणीय संतुलन और सामुदायिक एकता का अद्भुत उदाहरण है। इसे विश्व धरोहर के रूप में मान्यता मिलना भारतीय संस्कृति के लिए गर्व की बात होगी।”
संस्कृति से विकास की दिशा
शेखावत ने कहा कि भारत अब केवल अपनी संस्कृति का रक्षक नहीं, बल्कि उसे विकास के मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने वाला देश बन चुका है। उन्होंने कहा, “काशी कल्चर पाथवे से लेकर लखनवी पाकशैली तक, भारत यह सिद्ध कर रहा है कि संस्कृति केवल अतीत की स्मृति नहीं बल्कि भविष्य की प्रेरणा है।”
सुरक्षा पर सख्त रुख
देशभर में एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) द्वारा संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी पर शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में केंद्र सरकार आंतरिक और सीमाई सुरक्षा पर शून्य सहिष्णुता (Zero Tolerance) की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “जो भी व्यक्ति या संगठन भारत की सुरक्षा के साथ छेड़छाड़ करेगा, उसे कहीं छिपने नहीं दिया जाएगा। कानून के तहत उसे कड़ी सजा मिलेगी।”
उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि “यह अभियान उन अधिकारियों की निष्ठा का प्रमाण है जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हर जोखिम उठाने को तत्पर हैं।”
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