नई दिल्ली/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद प्रदेश की राजनीतिक और सुरक्षा हलचल तेज हो गई है। शनिवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहली बार मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 30 मिनट चली, जिसमें राज्य की सुरक्षा स्थिति, आतंकवाद पर कार्रवाई और पर्यटकों की सुरक्षा पर गंभीर चर्चा हुई।
नौसेना प्रमुख की भी मुलाकात
प्रधानमंत्री से उमर अब्दुल्ला की मुलाकात के कुछ ही समय बाद भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी उनसे मिले। इस बातचीत को आतंकी हमले के बाद सुरक्षा समन्वय और सीमा पर रणनीतिक तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है।

भारत का पाकिस्तान पर दोहरा प्रहार
सरकार ने शनिवार को पाकिस्तान के खिलाफ दो कड़े और सख्त फैसले लिए:
1. आयात पर पूरी तरह से रोक
भारत सरकार ने पाकिस्तान से डायरेक्ट और इनडायरेक्ट आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसका मतलब है कि अब कोई भी वस्तु पाकिस्तान से सीधे या किसी अन्य देश के जरिए भारत में नहीं आ सकेगी। इसके अलावा पाकिस्तानी जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।
2. डाक सेवाएं भी बंद
भारत सरकार ने पाकिस्तान के लिए सभी डाक सेवाओं पर भी रोक लगा दी है। यह फैसला कूटनीतिक स्तर पर स्पष्ट संकेत है कि भारत, आतंकी हमलों के जवाब में अब व्यापारिक और मानवीय दोनों मोर्चों पर कठोर रुख अपना रहा है।
क्या हुआ था पहलगाम में?
30 अप्रैल को दोपहर बाद, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन क्षेत्र में आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिसमें 26 लोग मारे गए।
इस हमले में ज्यादातर पर्यटक थे, जिनमें से दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग भी शामिल थे।
यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया, जब घाटी में पर्यटन का मौसम अपने चरम पर था।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति की यात्रा के दौरान हमला
इस घटना की अंतरराष्ट्रीय टाइमिंग भी बेहद संवेदनशील रही। हमले के दिन ही अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर आए थे। इसे आतंकी संगठनों की सोची-समझी रणनीति माना जा रहा है, जिससे भारत की वैश्विक छवि और कूटनीतिक स्थिति को चोट पहुंचाई जा सके।
उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को लेकर कहा—
“यह हाल के वर्षों में आम नागरिकों को निशाना बनाकर किया गया सबसे भयानक हमला है। इसने राज्य की छवि और आम जनता के भरोसे को गहरी चोट दी है।”
उन्होंने पीएम मोदी के साथ बातचीत में राज्य की सुरक्षा बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आतंकियों के नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने के लिए केंद्र से विशेष मदद की मांग की।

क्या है आगे की रणनीति?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अब घाटी में विशेष सुरक्षा प्लान लागू किया जाएगा।
- संवेदनशील पर्यटन क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती होगी
- ड्रोन निगरानी और सर्विलांस बढ़ाया जाएगा
- स्थानीय प्रशासन को पर्यटकों की रियल टाइम ट्रैकिंग और आपातकालीन मदद के लिए विशेष टूल्स दिए जाएंगे
पहलगाम हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कश्मीर में शांति की राह अभी कठिन है। लेकिन भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की हालिया सक्रियता दिखाती है कि अब जवाब केवल सीमा पर नहीं, कूटनीति और आर्थिकी के मैदान पर भी दिया जाएगा।
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