अमेरिका को मिलेगा यूक्रेन के खनिज भंडारों तक विशेष अधिकार, बदले में बनेगा पुनर्निर्माण फंड
यूक्रेन और अमेरिका के बीच बुधवार को एक अहम समझौता हुआ है, जिसमें अमेरिका को यूक्रेन के नए खनिज प्रोजेक्ट्स में विशेष पहुंच मिलेगी। बदले में अमेरिका यूक्रेन के युद्ध-प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और आर्थिक पुनरुद्धार में निवेश करेगा। इस डील के तहत दोनों देश मिलकर एक संयुक्त निवेश फंड (Joint Investment Fund) बनाएंगे, जो आने वाले 10 साल तक सिर्फ यूक्रेन में निवेश करेगा।
50-50 निवेश, पर सुरक्षा को लेकर अनिश्चितता
सूत्रों के मुताबिक, इस फंड में अमेरिका और यूक्रेन दोनों समान रूप से 50-50 निवेश करेंगे। अमेरिका इस योगदान को या तो सीधे फंडिंग के ज़रिए या सैन्य मदद के रूप में करेगा। वहीं यूक्रेन इस फंड में अपनी प्राकृतिक संपदाओं (खनिज, संसाधन, भूमि) से होने वाली आय का हिस्सा डालेगा। हालांकि, ट्रंप प्रशासन की ओर से डील की ज्यादा जानकारी साझा नहीं की गई है, और यह भी स्पष्ट नहीं है कि इस समझौते का अमेरिका की भविष्य की सैन्य सहायता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
यूक्रेन बोले- हमारा नियंत्रण बना रहेगा
यूक्रेनी प्रधानमंत्री डेनिस शमिहाल ने इस समझौते को देश के लिए ‘रणनीतिक जीत’ बताया। उन्होंने कहा कि इस डील में दोनों देशों को बराबर वोटिंग राइट्स होंगे और यूक्रेन अपनी जमीन, संसाधनों और बुनियादी ढांचे पर पूरा नियंत्रण बनाए रखेगा। शमिहाल ने यह भी कहा कि इससे मिलने वाला लाभ दोबारा यूक्रेन में ही निवेश होगा।
टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और ग्रोथ की उम्मीद
शमिहाल ने टेलीग्राम पर लिखा, “यह डील हमें अमेरिका जैसे शक्तिशाली साझेदार से नई तकनीक, संसाधन और आर्थिक विकास की दिशा में मजबूती दिलाएगी। यह न सिर्फ पुनर्निर्माण की गति बढ़ाएगी, बल्कि वैश्विक मंच पर यूक्रेन की भूमिका को भी नया आकार देगी।”
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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