उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन आध्यात्मिक ऊर्जा का एक प्रमुख केंद्र है, और यह यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव-2025 की मेजबानी कर रहा है। इस आयोजन के माध्यम से वैदिक परंपराओं, योग और आध्यात्मिक विचारों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शनिवार को कालिदास अकादमी में आयोजित यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव-2025 को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि “यह युद्ध का नहीं, बल्कि शांति का युग है।” यह विचार आज की वैश्विक चुनौतियों के समाधान का मार्ग प्रशस्त करता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का यह समय दुनिया के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण दौर में से एक रहा है, जहां युद्ध, गृहयुद्ध, आतंकवाद और वैमनस्यता ने विश्व को तनावग्रस्त कर दिया है। इस स्थिति में ‘यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव’ जैसे आयोजन संपूर्ण मानवता के कल्याण और विश्व शांति के लिए प्रभावी मंच सिद्ध हो सकते हैं।
जल: सनातन संस्कृति का एकसूत्रीय कारक
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचमहाभूतों में जल सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। जीवन की उत्पत्ति सर्वप्रथम जल में ही हुई थी, इसलिए जल का मानव जीवन में विशेष महत्व है। स्नान से मानसिक शांति प्राप्त होती है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के जल स्रोतों से जल एकत्र कर इसे एक बड़े पात्र में रखा गया, जो जल की एकात्मकता और वैश्विक संस्कृति को जोड़ने का प्रतीक है।
वैचारिक महाकुंभ: 21 देशों के विद्वानों की भागीदारी
इस ग्लोबल कॉन्क्लेव में 21 से अधिक देशों के विद्वान, संत, आध्यात्मिक गुरु, विचारक और जीवन प्रशिक्षक एकत्र हुए हैं। इस मंच पर सनातन संस्कृति, योग, ध्यान और भारतीय दर्शन के महत्व पर गहन विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन केवल संवाद तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की संस्कृति और वसुधैव कुटुंबकम का संदेश पूरी दुनिया में फैल रहा है। भारत ने सदैव सहिष्णुता, सह-अस्तित्व और शांति का संदेश दिया है।
पुस्तक ‘वैदिक पेरेंटिंग’ का विमोचन
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने लेखिका श्वेता तोमर की पुस्तक वैदिक पेरेंटिंग का विमोचन किया। यह पुस्तक भारतीय सनातन दर्शन पर आधारित है और माता-पिता को बच्चों के पालन-पोषण में वैदिक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा देती है।
धरती माता का मॉडल और जलाभिषेक
कार्यक्रम में 5 महाद्वीपों और 21 देशों की मिट्टी से धरती माता का एक मॉडल तैयार किया गया। इसी तरह, विभिन्न देशों की नदियों से लाए गए जल को एक पात्र में इकट्ठा कर मुख्यमंत्री को जलाभिषेक के लिए प्रदान किया गया।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री एवं कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री गौतम टेटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव और 21 से अधिक देशों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।