Trending News

April 19, 2025 7:28 PM

1 अरब 96 करोड़ साल पहले हुई सृष्टि की रचना, उज्जैन में भव्य आयोजन

ujjain-new-year-vikram-samvat-2081-celebration

उज्जैन—महाकाल की नगरी उज्जैन में विक्रम संवत 2081 का भव्य स्वागत शंखनाद और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी संस्कार भारती और विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही सृष्टि की रचना हुई थी, जिसे हिंदू नववर्ष के रूप में मनाया जाता है।

1 अरब 96 करोड़ साल पहले बनी थी सृष्टि

सनातन परंपरा के अनुसार, ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 53 हजार 123 साल पहले चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को की थी। इसलिए, इस दिन को सृष्टि का जन्मदिन भी माना जाता है। भारतीय पंचांग के अनुसार, यह दिन सृष्टि के प्रारंभ का प्रतीक है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है।

विक्रम संवत 2081: अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे

भारत का पारंपरिक पंचांग विक्रम संवत पर आधारित है, जिसे सम्राट विक्रमादित्य ने स्थापित किया था। यह संवत अंग्रेजी कैलेंडर (ग्रेगोरियन कैलेंडर) से 57 साल आगे चलता है। इसका अर्थ यह है कि जब अंग्रेजी कैलेंडर में वर्ष 2024 चल रहा है, तब हिंदू पंचांग के अनुसार विक्रम संवत 2081 प्रारंभ होगा।

उज्जैन में नववर्ष का आयोजन कैसे होगा?

  1. शंखनाद और दीप जलाकर शुभारंभ – नववर्ष की शुरुआत शंखनाद, घंटे-घड़ियाल और दीप प्रज्वलन के साथ होगी।
  2. महाकालेश्वर मंदिर में विशेष पूजा – भगवान महाकाल के दरबार में विशेष रुद्राभिषेक और महाआरती होगी।
  3. कलश यात्रा और शोभायात्रा – उज्जैन के प्रमुख मंदिरों और घाटों पर शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होंगे।
  4. राम ध्वज फहराया जाएगा – नववर्ष के स्वागत में रामध्वज (भगवा ध्वज) फहराने की परंपरा निभाई जाएगी।
  5. हवन और यज्ञ अनुष्ठान – मंदिरों और आश्रमों में यज्ञ और हवन का आयोजन होगा, जिसमें समाज की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाएगी।

नववर्ष का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व

  • चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही नवरात्रि आरंभ होती है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
  • इसी दिन शालिवाहन शक संवत भी शुरू होता है, जिसे सरकारी तौर पर भारत का राष्ट्रीय पंचांग माना जाता है।
  • यह दिन खगोलीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि सूर्य की स्थिति इस समय उत्तरायण में होती है, जिससे दिन और रात बराबर होते हैं।
Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram