उज्जैन में ईओडब्ल्यू की छापेमारी से बड़ा खुलासा
उज्जैन। 3000 रुपये प्रतिमाह के वेतन से नौकरी शुरू करने वाले अनिल सुहाने, जो जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित उज्जैन के तत्कालीन सहायक प्रबंधक रहे हैं, के ठिकानों पर शनिवार को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) द्वारा छापेमारी की गई। इस छापेमारी में उनके पास से करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है। यह कार्यवाही आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में की गई।
गोपनीय सूचना से हुआ खुलासा
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, उज्जैन को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी, जिसके सत्यापन के बाद अनिल सुहाने के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोपित के निवास और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें बड़ी मात्रा में अघोषित संपत्ति पाई गई। यह छापेमारी उज्जैन के बसंत विहार और इंदौर रोड स्थित ठिकानों पर की गई।
70 लाख का वेतन, 6 करोड़ की संपत्ति
जानकारी के अनुसार, अनिल सुहाने जिला पन्ना के मूल निवासी हैं। उन्होंने 1991 में जिला सहकारी बैंक, नई सड़क उज्जैन में सब इंजीनियर के पद से अपने करियर की शुरुआत की थी। उस समय उनका वेतन मात्र 3000 रुपये प्रतिमाह था। उन्होंने 31 दिसंबर 2024 को सहायक प्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त होकर कुल 70 लाख रुपये का वेतन अर्जित किया। लेकिन छापेमारी के दौरान उनके पास से 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति मिली, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से कई गुना अधिक है।
संपत्ति कैसे अर्जित की गई?
ईओडब्ल्यू की प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि अनिल सुहाने ने यह संपत्ति शासन की विभिन्न कृषि ऋण योजनाओं में राशि वितरण में अनियमितता और भ्रष्टाचार के माध्यम से अर्जित की।
मौके पर कार्यवाही जारी
ईओडब्ल्यू के उप पुलिस अधीक्षक संदीप निगवाल के नेतृत्व में 30 सदस्यीय टीम ने इस कार्यवाही को अंजाम दिया। छापेमारी अभी जारी है और इसमें और अधिक संपत्ति मिलने की संभावना है।
अब तक की जब्त संपत्ति
- आवासीय संपत्ति:
- बसंत विहार कॉलोनी, उज्जैन में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित तीन मंजिला आलीशान भवन।
- बसंत विहार में इंदौर-उज्जैन मेन रोड पर स्थित 2400 वर्गफीट का चार मंजिला नवनिर्मित व्यवसायिक भवन।
- क्षिप्रा विहार, उज्जैन में 2300 वर्गफीट का बेशकीमती प्लॉट।
- विनय नगर में 650-650 वर्गफीट के दो प्लॉट।
- वाणिज्यिक संपत्ति:
- दवा बाजार, उज्जैन में 600-600 वर्गफीट की दो दुकानें।
- नकदी और आभूषण:
- 9 लाख रुपये से अधिक नकद।
- लाखों रुपये के सोने और चांदी के आभूषण।
- वाहन:
- तीन चौपहिया वाहन।
- तीन दोपहिया वाहन।
- बैंक संपत्ति:
- तीन बैंक लॉकर, जो अभी खोले जाने बाकी हैं।
- कई बैंक खाते, जिनमें जमा राशि की जांच की जा रही है।
आगे की संभावनाएं
छापेमारी की कार्यवाही अभी पूरी नहीं हुई है। तीन बैंक लॉकरों और बैंक खातों की जांच के बाद और संपत्ति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
यह मामला सरकारी पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के माध्यम से संपत्ति अर्जित करने का एक और उदाहरण है। ईओडब्ल्यू की इस कार्रवाई ने एक बार फिर से यह दिखाया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। कार्यवाही पूरी होने पर और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।