- कमरुद्दीन नगर स्थित दीपांशु पब्लिक स्कूल के पास अचानक एक दो मंजिला इमारत भरभरा कर गिर गई
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के नांगलोई इलाके में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने शहर की निर्माण व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कमरुद्दीन नगर स्थित दीपांशु पब्लिक स्कूल के पास अचानक एक दो मंजिला इमारत भरभरा कर गिर गई। इस हादसे में 8 साल के मासूम की जान चली गई, जबकि दो लोग घायल हो गए हैं।
हादसे का मंजर: मौत की चपेट में मासूम
दिल्ली फायर सर्विस के मुताबिक, सुबह करीब 7 बजे हुए इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने राहत कार्य शुरू किया। पहली मंजिल की बालकनी और ग्राउंड फ्लोर की छत एकाएक ढह गई। मलबे में दबने से एक बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोगों को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हादसे की वजह अब भी स्पष्ट नहीं
हैरानी की बात यह है कि इमारत के गिरने की वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। क्या यह हादसा पुरानी और जर्जर इमारत के कारण हुआ या फिर अवैध निर्माण में लापरवाही इसकी वजह बनी—इस पर अभी जांच जारी है। निगम और पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
दिल्ली में जर्जर इमारतें बनती जा रही हैं जानलेवा
यह हादसा सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं, बल्कि दिल्ली और अन्य महानगरों में अवैध और असुरक्षित निर्माण की बढ़ती प्रवृत्ति का नतीजा है। आए दिन राजधानी के किसी न किसी हिस्से से भवन ढहने की खबरें आती हैं, लेकिन प्रशासनिक निगरानी का ढांचा बेहद कमजोर दिखता है।
मासूम की मौत: किसकी जिम्मेदारी?
एक 8 साल की मासूम जान इस हादसे में चली गई। अब सवाल यह है कि इस मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या यह एक बार फिर किसी नोटिस या जांच रिपोर्ट में सिमटकर रह जाएगा या प्रशासन इस दर्दनाक हादसे से कुछ सीखेगा?
शहरी सुरक्षा की जरूरत
घनी आबादी वाले इलाकों में पुरानी और असुरक्षित इमारतों की जांच, उनका पुनर्निर्माण और निवासियों की सुरक्षा अब टालने लायक मुद्दा नहीं रहा। यह हादसा चेतावनी है कि यदि ठोस कदम नहीं उठाए गए तो ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे।