भारत ने अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों पर जताई चिंता
नई दिल्ली। अमेरिका की खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने दिल्ली में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाते हुए पाक समर्थित आतंकी हमलों को ‘इस्लामी आतंक’ करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आतंकवाद भारत और अमेरिका सहित कई मध्य पूर्वी देशों के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। गबार्ड ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मुस्लिम आतंकवाद से निपटने के अपने वादे पर कायम हैं और अमेरिका इस खतरे को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
तुलसी गबार्ड सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित ‘रायसीना संवाद’ में भाग लेने आई थीं, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर दुनिया के 125 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ और शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। इसी दौरान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी खुफिया प्रमुख से खालिस्तान आतंकवाद पर गंभीर चिंता व्यक्त की और अमेरिका में सक्रिय खालिस्तानी उग्रवादियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर गबार्ड का सख्त रुख
दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान जब गबार्ड से भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकी हमलों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे ‘इस्लामी आतंकवाद’ करार देते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि यह समस्या भारत और अमेरिका दोनों के लिए खतरा है।
गबार्ड ने कहा,
“राष्ट्रपति ट्रंप इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता पर कायम हैं। यह समस्या अमेरिका के लिए एक बड़ा खतरा है, और यह भारत, बांग्लादेश, इजराइल और अन्य मध्यपूर्वी देशों को भी प्रभावित कर रही है। हम भारत के सुरक्षा हितों को बहुत गंभीरता से लेते हैं और इस मुद्दे पर भारत के साथ सहयोग बढ़ाने को तैयार हैं।”
भारत ने अमेरिका में खालिस्तानी गतिविधियों पर जताई चिंता
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुलसी गबार्ड के साथ बैठक के दौरान अमेरिका में भारतीय हितों के खिलाफ काम कर रहे खालिस्तानी उग्रवादियों का मुद्दा उठाया।
उन्होंने अमेरिका में ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) जैसे संगठनों की गतिविधियों पर कड़ी आपत्ति जताई और अमेरिका से इन संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की। भारत ने स्पष्ट किया कि यह संगठन भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और इसे भारत में पहले ही प्रतिबंधित किया जा चुका है।
इस द्विपक्षीय वार्ता में भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया। गबार्ड ने बैठक के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने गबार्ड को गंगाजल भेंट किया
सोमवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तुलसी गबार्ड के बीच एक विशेष मुलाकात हुई। इस दौरान मोदी ने गबार्ड को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से लाया गया गंगाजल से भरा एक कलश भेंट किया।
यह मोदी और गबार्ड की दो महीने में दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले फरवरी 2025 में वाशिंगटन डीसी में ट्रंप-मोदी बैठक के दौरान भी दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी।
इस बैठक में दोनों नेताओं ने आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को लेकर विस्तार से चर्चा की। मोदी और गबार्ड ने भारत-अमेरिका के बीच सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता जताई।
गबार्ड ने भगवद गीता का जिक्र किया
तुलसी गबार्ड ने भारत में अपने आध्यात्मिक जुड़ाव का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा,
“मेरी आध्यात्मिक यात्रा और हिंदू धर्म में मेरी आस्था ने मुझे जीवन की कठिनाइयों को पार करने में मदद की है। मैं भगवद गीता से प्रेरणा लेती हूं, खासतौर पर अर्जुन और भगवान कृष्ण के संवाद से। इन शिक्षाओं ने मुझे मानसिक शांति और आत्मविश्वास दिया है। भारत मेरे लिए सिर्फ एक देश नहीं बल्कि एक परिवार की तरह है। जब मैं यहां होती हूं, तो मुझे घर जैसा महसूस होता है।”
भारत-अमेरिका व्यापार और टैरिफ मुद्दे पर बातचीत जारी
गबार्ड ने भारत-अमेरिका के व्यापारिक संबंधों पर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि
“डोनाल्ड ट्रंप और भारत सरकार के बीच टैरिफ विवाद को हल करने के लिए बातचीत जारी है। दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की असीम संभावनाएं हैं और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।”
अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड की भारत यात्रा भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को नई मजबूती देने का संकेत देती है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद, खालिस्तानी उग्रवाद और व्यापारिक सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बातचीत सकारात्मक रही। गबार्ड की स्पष्ट और बेबाक बयानबाजी से यह साफ है कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है और दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।
और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!