ट्रंप-जिनपिंग की ऐतिहासिक मुलाकात: दक्षिण कोरिया में पूरी हुई ट्रेड डील, चीन पर घटा टैरिफ
नई दिल्ली।
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं — अमेरिका और चीन — के बीच लंबे समय से चली आ रही व्यापारिक तनातनी अब समाप्ति की ओर बढ़ती दिख रही है। दक्षिण कोरिया के बुसान एयरपोर्ट पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच बहुप्रतीक्षित ट्रेड डील पूरी हो गई है। हालांकि इस समझौते पर औपचारिक हस्ताक्षर अभी बाकी हैं, लेकिन ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि यह “बहुत जल्द” हो जाएगा।
ट्रंप ने साउथ कोरिया से अमेरिका लौटते समय ‘एयर फोर्स वन’ विमान में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि चीन पर लगाए गए 10 प्रतिशत टैरिफ में कमी की गई है। इसके बदले में चीन ने अमेरिका से बड़ी मात्रा में सोयाबीन की खरीद पर सहमति जताई है। यह कदम दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और वैश्विक व्यापार में स्थिरता लाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
#WATCH दक्षिण कोरिया के बुसान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "हमारी मुलाकात बहुत सफल रहने वाली है। वे बहुत सख्त वार्ताकार हैं, यह अच्छी बात नहीं है। हम एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं। हमारे बीच हमेशा से बहुत अच्छे… pic.twitter.com/us7Dd7S0ij
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 30, 2025
6 साल बाद हुई मुलाकात, 100 मिनट तक चली बातचीत
ट्रंप और जिनपिंग के बीच यह मुलाकात छह साल बाद हुई है। दोनों की पिछली बैठक 2019 में हुई थी, जब दुनिया कोविड महामारी के शुरुआती दौर में प्रवेश कर रही थी। इस बार मुलाकात दक्षिण कोरिया के बुसान एयरपोर्ट पर हुई, क्योंकि दोनों नेताओं का कार्यक्रम बेहद व्यस्त था। लगभग 100 मिनट चली इस बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, टैरिफ, प्रौद्योगिकी, रक्षा और वैश्विक स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक की शुरुआत आपसी अभिवादन से हुई, जहां दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर मुस्कुराते हुए बातचीत की शुरुआत की। ट्रंप ने कहा, “मुझे इस बैठक से बहुत उम्मीदें हैं। मुझे कोई शक नहीं कि यह बेहद सफल साबित होगी।”

चीन पर टैरिफ में बड़ी राहत
ट्रंप ने बताया कि चीन से आने वाले उत्पादों पर औसत 57 प्रतिशत टैरिफ घटाकर अब 47 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि “हमने पहले फेंटेनाइल के कारण चीन पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया था, लेकिन अब हमने उसे आधा कर दिया है।” यह बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
अमेरिकी प्रशासन ने पिछले कुछ वर्षों में चीन पर कई बार शुल्क बढ़ाया था — जिसमें स्टील पर 19 प्रतिशत, बेसलाइन टैरिफ 10 प्रतिशत और फेंटेनाइल संबंधी उत्पादों पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क शामिल था। इससे औसत शुल्क दर 55 से 57 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। अब इसे घटाकर 47 प्रतिशत करने का निर्णय दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने वाला साबित हो सकता है।
जिनपिंग बोले — “हम किसी देश को चुनौती नहीं देना चाहते”
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बैठक के दौरान कहा कि चीन की आर्थिक वृद्धि किसी देश को चुनौती देने के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक सहयोग बढ़ाने के लिए है। उन्होंने कहा, “हमने कभी किसी देश की जगह लेने या उसे चुनौती देने की कोशिश नहीं की। हमने हमेशा अपना काम बेहतर करने और विकास के अवसर साझा करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”
जिनपिंग ने दोनों देशों से अपील की कि वे “बदले की कार्रवाई” के चक्र में फंसने से बचें। उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका को क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सकारात्मक और रचनात्मक संवाद जारी रखना चाहिए। जिनपिंग ने यह भी कहा कि अगले वर्ष जब चीन एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) बैठक की और अमेरिका G20 सम्मेलन की मेजबानी करेगा, तब दोनों देशों को एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए।
ट्रंप बोले — “अब चीन और Nvidia के बीच होगी बातचीत”
ट्रंप ने इस बैठक में तकनीकी सहयोग के विषय पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अब चीन और अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी Nvidia के बीच नई बातचीत शुरू होगी। उन्होंने बताया, “हमने चिप्स पर बात की है। चीन अब Nvidia और अन्य अमेरिकी कंपनियों से चिप्स खरीदने पर विचार करेगा। अमेरिका इस पूरी प्रक्रिया में केवल मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा।”
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बातचीत में Nvidia के Blackwell चिप्स शामिल नहीं होंगे, जो वर्तमान में सबसे उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) प्रोसेसर हैं। अमेरिका ने सुरक्षा कारणों से इन्हें चीन को बेचने पर रोक लगा रखी है। फिलहाल यह तय नहीं है कि कौन-से चिप्स चीन को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी।
चीन करेगा अमेरिका में निवेश
ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि चीन ने अमेरिका में अपने निवेश को बढ़ाने पर सहमति दी है। उन्होंने बताया कि चीनी अधिकारी ऑटोमोबाइल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश करने को लेकर काफी उत्साहित हैं। यह निवेश दोनों देशों के लिए नई आर्थिक संभावनाएं लेकर आएगा।
सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी मुलाकात
ट्रंप और जिनपिंग की यह मुलाकात चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘वीबो’ पर सबसे ज्यादा ट्रेंड करने लगी। इसे लगभग 25 करोड़ बार देखा गया, जो दर्शाता है कि चीन में इस बैठक को लेकर कितनी उत्सुकता थी।
बीते कुछ महीनों में अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे पर भारी शुल्क लगाए थे, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता आई थी। इसलिए यह मुलाकात न केवल व्यापारिक रूप से बल्कि वैश्विक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

ट्रंप ने परमाणु परीक्षण पर दी सफाई
बैठक के बाद ट्रंप ने अमेरिका द्वारा परमाणु हथियार परीक्षण शुरू करने के आदेश को भी सही ठहराया। उन्होंने कहा, “रूस और चीन दोनों परीक्षण कर रहे हैं। हमारे पास सबसे अधिक परमाणु हथियार हैं, लेकिन हम परीक्षण नहीं कर रहे थे। अब समय आ गया है कि हम भी ऐसा करें।”
उन्होंने यह नहीं बताया कि यह परीक्षण कब और कहां होंगे, लेकिन इतना जरूर कहा कि “हमारे पास परीक्षण स्थलों की व्यवस्था है, इसकी घोषणा जल्द की जाएगी।” ट्रंप ने कहा कि वे “परमाणु निरस्त्रीकरण” चाहते हैं और इस विषय पर रूस से बातचीत चल रही है, जिसमें चीन को भी शामिल किया जा सकता है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए नया अध्याय
इस बैठक से संकेत मिलते हैं कि अमेरिका और चीन के बीच अब रिश्तों में ठंडापन कम होगा और दोनों देश सहयोग की नई राह पर आगे बढ़ेंगे। व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद वैश्विक बाजार में स्थिरता आने की उम्मीद है।
ट्रंप-जिनपिंग वार्ता से यह साफ है कि अब दुनिया की दो सबसे बड़ी शक्तियाँ टकराव की जगह संवाद और सहयोग के रास्ते पर आगे बढ़ रही हैं — और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
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