ट्रंप की चेतावनी: अमेरिका विरोधी नीति अपनाने पर ब्रिक्स देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ
वॉशिंगटन/ब्रासीलिया। ब्राजील में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपनी टैरिफ नीति को लेकर कड़ा रुख दिखाया है। उन्होंने ब्रिक्स देशों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि वे अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन करते हैं, तो उन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप का यह बयान ईरान पर अमेरिका और इजराइल के हमलों की ब्रिक्स देशों द्वारा की गई अप्रत्यक्ष आलोचना के बाद आया है।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर दी चेतावनी
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा,
“ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ने वाले किसी भी देश पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इसमें कोई अपवाद नहीं होगा। इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।”
इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी घोषणा की कि अमेरिका दुनिया के कई देशों को नई टैरिफ दरों से संबंधित पत्र और समझौते 7 जुलाई सोमवार को दोपहर 12 बजे (पूर्वी समयानुसार) भेजेगा।
ब्रिक्स देशों ने अमेरिका का नाम लिए बिना जताई नाराजगी
ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल 10 सदस्य देशों—ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई और इंडोनेशिया—ने अमेरिका या इजराइल का नाम लिए बिना, ईरान पर हुए हमले और बढ़ते व्यापार शुल्क की आलोचना की। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की नीतियां वैश्विक व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं और यह विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के विरुद्ध हैं।
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने तो नाटो के बढ़ते सैन्य खर्च पर सीधा हमला बोला और कहा,
“शांति की तुलना में युद्ध में निवेश करना हमेशा आसान होता है, लेकिन इसका खामियाजा दुनिया भर को भुगतना पड़ता है।”
टैरिफ निलंबन की समयसीमा 9 जुलाई को खत्म
डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लागू टैरिफ राहत की अस्थायी समयसीमा 9 जुलाई को समाप्त हो रही है। इससे दुनिया के कई देश चिंतित हैं, खासकर वे जो अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध रखते हैं। ट्रंप पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि 9 जुलाई के बाद वैश्विक टैरिफ पर कोई राहत नहीं दी जाएगी, और उन्होंने करीब 10 से 12 देशों को नए टैरिफ नोटिस भेजने की तैयारी पूरी कर ली है।
ब्रिक्स सम्मेलन 2025: थीम और भागीदारी
ब्राजील की मेज़बानी में हो रहा यह सम्मेलन 2025 में ब्रिक्स के विस्तार के बाद का पहला शिखर सम्मेलन है। इस बार की थीम थी –
“समावेशी और टिकाऊ वैश्विक शासन के लिए ग्लोबल साउथ का सहयोग मजबूत करना।”
सम्मेलन में पहली बार नए सदस्य देशों—मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई और इंडोनेशिया—ने भी भाग लिया। ब्राजील ने 1 जनवरी 2025 को ब्रिक्स की अध्यक्षता संभाली थी, और अब वह दक्षिणी गोलार्ध के देशों को वैश्विक मंच पर एक मजबूत आवाज दिलाने की दिशा में काम कर रहा है।
निष्कर्ष: टकराव की ओर बढ़ते रिश्ते
ट्रंप की नई चेतावनी और ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों पर उठती आवाजें संकेत देती हैं कि निकट भविष्य में अमेरिका और ब्रिक्स देशों के बीच आर्थिक टकराव और गहरा सकता है। अमेरिका जहां संरक्षणवादी नीति पर जोर दे रहा है, वहीं ब्रिक्स देश वैश्विक दक्षिण को मजबूत करने और पश्चिमी प्रभाव को संतुलित करने की रणनीति अपना रहे हैं।
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