June 9, 2025 4:50 PM

ट्रंप का बड़ा फैसला: 12 देशों पर पूर्ण प्रतिबंध, 7 पर आंशिक रोक; 9 जून से लागू होंगे नए वीजा नियम

trump-visa-ban-12-countries-usa-security

वॉशिंगटन।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सख्त इमिग्रेशन नीति का संकेत देते हुए अमेरिका की सुरक्षा का हवाला देते हुए 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही 7 अन्य देशों पर आंशिक रोक लागू की गई है। यह आदेश 9 जून से प्रभावी होगा और इमिग्रेशन (स्थायी निवास) और नॉन-इमिग्रेशन (टूरिस्ट, स्टूडेंट, वर्क आदि) दोनों प्रकार के वीजा पर लागू होगा।

क्यों लगाया गया प्रतिबंध?

राष्ट्रपति ट्रंप के अनुसार, अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, नागरिकों की जान-माल की रक्षा और आतंकवाद से खतरे को रोकने के लिए यह निर्णय आवश्यक हो गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ देश ऐसे हैं जो पर्याप्त पहचान सत्यापन, दस्तावेजों की पुष्टि और सहयोगी जांच प्रक्रियाएं मुहैया नहीं कराते, जिससे अमेरिका के लिए सुरक्षा खतरा उत्पन्न होता है।

ट्रंप ने यह भी कहा कि जो देश वीजा धारकों की पहचान और निगरानी के लिए मजबूत व्यवस्था नहीं रखते और अमेरिका से निर्वासित किए गए लोगों को वापस लेने से इनकार करते हैं, उनके नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा सकती।

पूर्ण बैन और आंशिक बैन में क्या अंतर?

अमेरिकी विदेश विभाग की परिभाषा के मुताबिक:

  • पूर्ण बैन का अर्थ है कि संबंधित देश के लगभग सभी नागरिकों को अमेरिका आने की अनुमति नहीं होगी, चाहे वह टूरिस्ट, स्टूडेंट, वर्क या इमिग्रेंट वीजा ही क्यों न हो।
  • आंशिक बैन में कुछ वीजा श्रेणियों पर ही रोक लगाई जाती है। उदाहरण के लिए, किसी देश के नागरिकों को वर्क वीजा नहीं मिलेगा, लेकिन उन्हें टूरिस्ट या स्टूडेंट वीजा दिया जा सकता है।

ट्रंप बोले – वीजा देने में बरतें सावधानी

राष्ट्रपति ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वीजा जारी करने से पहले संबंधित व्यक्ति की पृष्ठभूमि की गंभीर जांच की जाए। उन्होंने कहा कि इमिग्रेंट वीजा पर आने वाले लोग स्थायी निवासी बन जाते हैं, ऐसे में उनकी स्क्रीनिंग और जांच और भी कठोर होनी चाहिए। वहीं नॉन-इमिग्रेंट वीजा (जैसे टूरिस्ट या बिजनेस वीजा) पर जांच सीमित होती है, जो सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकती है।

अफगानिस्तान और म्यांमार विशेष निशाने पर

ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी दस्तावेजों के अनुसार:

  • अफगानिस्तान पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि वहां पर तालिबान जैसे आतंकवादी समूहों का नियंत्रण है और वहां की सरकार अमेरिकी मानकों के अनुसार नागरिकों के दस्तावेज जारी करने या सत्यापित करने में अक्षम मानी गई है।
  • म्यांमार पर प्रतिबंध का कारण यह है कि वहां से आए लोगों में वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी अमेरिका में अवैध रूप से रहने वालों की संख्या बहुत अधिक है। B1/B2 वीजा पर 27.07% और स्टूडेंट या एक्सचेंज वीजा पर 42.17% लोग तय समय से ज्यादा ठहरे। इसके अलावा म्यांमार ने निर्वासित नागरिकों को वापस लेने में अमेरिका से सहयोग नहीं किया।

ट्रंप की 2017 की पॉलिसी की याद

यह फैसला ट्रंप की 2017 की ट्रैवल बैन नीति की याद दिलाता है, जिसमें ईरान, इराक, सीरिया, यमन, सोमालिया, सूडान और लीबिया जैसे मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर पूर्ण रोक लगाई गई थी। बाद में इसे धार्मिक भेदभाव से बचाने के लिए नॉर्थ कोरिया और वेनेजुएला जैसे गैर-मुस्लिम देशों को भी शामिल किया गया।

राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर सख्ती

ट्रंप ने जोर देकर कहा कि यह कदम आतंकवाद को रोकने, अमेरिका की सीमाओं की रक्षा करने और इमिग्रेशन प्रणाली को सशक्त करने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि केवल उन्हीं देशों से वीजा जारी किया जाना चाहिए, जिनकी सरकारें अमेरिका के साथ जानकारी साझा करने, नागरिकों की पहचान प्रमाणित करने और नियमों के पालन में सहयोग देती हैं।

यह फैसला अमेरिका के भीतर और बाहर कई स्तर पर बहस छेड़ सकता है, लेकिन फिलहाल ट्रंप प्रशासन इस कदम को अमेरिका फर्स्ट नीति के तहत एक अनिवार्य सुरक्षा उपाय बता रहा है।



Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram