संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रंप का भाषण: रूस पर यूरोप को चेतावनी, अमेरिका का स्वर्णिम युग और वैश्विक मुद्दों पर रुख
भारत-पाकिस्तान युद्धविराम का श्रेय फिर ट्रंप ने लिया, संयुक्त राष्ट्र में दिया बड़ा बयान
न्यूयॉर्क में मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित किया। यह उनके दूसरे कार्यकाल में पहला मौका था जब उन्होंने UNGA में भाषण दिया। ट्रंप ने इस दौरान वैश्विक राजनीति, युद्ध और शांति प्रयासों, इमिग्रेशन नीति, अर्थव्यवस्था और अमेरिका की ताकत जैसे कई मुद्दों पर अपनी राय रखी।
भाषण की शुरुआत में ही ट्रंप ने मजाकिया अंदाज में कहा कि “टेलीप्रॉम्प्टर काम नहीं कर रहा है, लेकिन कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि इस तरह आप दिल से बोल पाते हैं।” उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में यह भी जोड़ा कि “जो भी इस टेलीप्रॉम्प्टर को चला रहा है, वह बड़ी मुसीबत में है।”
NOW: President Trump opens up his speech to the United Nations General Assembly with a joke about the chamber's faulty teleprompter.
— Fox News (@FoxNews) September 23, 2025
"Whoever's operating this teleprompter is in big trouble." pic.twitter.com/2ppfHL7gAT
युद्धों को खत्म कराने का श्रेय
ट्रंप ने दावा किया कि अपने प्रशासन के सात महीनों में उन्होंने सात देशों में चल रहे “अकल्पनीय युद्धों” को खत्म कराया है। इनमें कंबोडिया-थाईलैंड, कोसोवो-सर्बिया, कांगो-रवांडा, भारत-पाकिस्तान, इस्राइल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया और आर्मेनिया-अजरबैजान जैसे संघर्ष शामिल हैं। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने का श्रेय भी खुद को दिया।

अमेरिका को बताया सबसे मजबूत
ट्रंप ने अमेरिका की ताकत पर जोर देते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था, सेना, सीमाएं और कूटनीतिक संबंध दुनिया में सबसे मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर अमेरिका के लिए “स्वर्णिम युग” है। उन्होंने पिछले प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसकी नीतियों ने अमेरिका को संकट में डाला था, लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं।
इमिग्रेशन पर सख्त रुख
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी कड़ी इमिग्रेशन पॉलिसी का बचाव किया। उन्होंने कहा, “जो लोग गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में घुसेंगे, उनका बुरा अंजाम होगा।” उन्होंने अल साल्वाडोर की सरकार की सराहना की, जिसने अमेरिकी सीमा में घुसने वाले अपराधियों को पकड़ने में अहम सहयोग दिया।
निवेश और आर्थिक मजबूती
ट्रंप ने अमेरिका में तेजी से बढ़ रहे निवेश का जिक्र करते हुए कहा कि “जल्द ही अमेरिका में 17 ट्रिलियन डॉलर का निवेश होने वाला है।” उन्होंने इसे अमेरिका की मजबूत अर्थव्यवस्था और वैश्विक भरोसे का परिणाम बताया।
फिलिस्तीन और गाजा पर अमेरिकी रुख
ट्रंप ने फिलिस्तीन को एकतरफा मान्यता देने के प्रयासों का विरोध किया और कहा कि ऐसा करना हमास को इनाम देने जैसा होगा। उन्होंने कहा कि हमास ने बार-बार शांति प्रयासों को ठुकराया है। इस बीच, अमेरिका ने फिलिस्तीन सरकार और PLO के 80 से अधिक प्रतिनिधियों के वीजा रद्द कर दिए हैं, जिससे राष्ट्रपति महमूद अब्बास और अन्य अधिकारी इस बैठक में शामिल नहीं हो सके।
ट्रंप ने कहा कि फिलिस्तीन UN में केवल ऑब्जर्वर है और उसे वोटिंग का अधिकार नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि “बंधकों को पूरी तरह मुक्त कराना हमारी प्राथमिकता है।”
रूस पर यूरोप को चेतावनी
अपने भाषण में ट्रंप ने यूरोपीय देशों को भी निशाने पर लिया। उन्होंने रूस से तेल और गैस खरीदने की आलोचना करते हुए कहा, “वे जो कर रहे हैं, वह सही नहीं है। यूरोपीय देश रूस से ऊर्जा ले रहे हैं जबकि रूस से लड़ाई चल रही है।” ट्रंप ने स्पष्ट कहा कि अगर यूरोपीय देश रूस से खरीदारी नहीं रोकते तो युद्ध खत्म करने की हर कोशिश बर्बाद हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि भाषण के बाद वे यूरोपीय नेताओं से इस मुद्दे पर विशेष चर्चा करेंगे।
गाजा पर मुलाकातों का एजेंडा
भाषण के बाद ट्रंप ने UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और कई देशों के नेताओं से मिलने का कार्यक्रम तय किया है। इनमें यूक्रेन, अर्जेंटीना, यूरोपीय यूनियन, कतर, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, तुर्किये, पाकिस्तान, मिस्र, UAE और जॉर्डन शामिल हैं। अमेरिका चाहता है कि अरब और मुस्लिम देश गाजा में सेना भेजें ताकि इजराइल वहां से अपनी सेना हटा सके। साथ ही, गाजा के पुनर्निर्माण में आर्थिक मदद देने का भी आग्रह किया जाएगा।
UN कॉम्प्लेक्स का किस्सा
ट्रंप ने अपने संबोधन में एक निजी अनुभव भी साझा किया। उन्होंने कहा कि एक रियल एस्टेट डेवलपर के तौर पर उन्होंने UN कॉम्प्लेक्स के रेनोवेशन के लिए बोली लगाई थी, लेकिन कॉन्ट्रैक्ट किसी और कंपनी को मिल गया।
ट्रंप का संदेश
अपने भाषण के अंत में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है और आने वाले समय में यह और आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि “मेरे नेतृत्व में महंगाई पर काबू पाया गया, पेट्रोल और जरूरी सामान सस्ते हुए और शेयर बाजार नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है। अमेरिका सही मायनों में अपने स्वर्णिम दौर से गुजर रहा है।”
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