ट्रंप बोले: लगता है हमने भारत-रूस को चीन के हाथों खो दिया, अमेरिका नरम
वॉशिंगटन। अमेरिका और भारत के बीच पिछले कुछ महीनों से तनावपूर्ण संबंध देखने को मिल रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगातार निशाना साधा, विशेषकर अमेरिकी टैरिफ बढ़ाने और रूस से कच्चे तेल पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के फैसलों के बाद। लेकिन हाल ही में चीन में संपन्न शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के बाद ट्रंप के तेवर नरम पड़ते दिख रहे हैं।
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ट्रंप का सोशल मीडिया पोस्ट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया जिसमें उन्होंने भारत, रूस और चीन की एक तस्वीर साझा की। इस तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक ही फ्रेम में दिखाई दे रहे हैं।
ट्रंप ने पोस्ट में लिखा, “लगता है कि हमने भारत और रूस को गहरे, अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया है। ईश्वर करे कि उनका भविष्य लंबा और समृद्ध हो।” इस टिप्पणी को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में व्यापक ध्यान मिला।
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एससीओ समिट ने खींचा वैश्विक ध्यान
चीन के तिआनजिन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शी जिनपिंग और पुतिन की नजदीकियों ने विश्व समुदाय का ध्यान खींचा। यह सम्मेलन ऐसे समय हुआ जब अमेरिका ने भारत के खिलाफ टैरिफ दोगुना कर दिया और रूस से कच्चे तेल पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया। इन कदमों से भारत-अमेरिका संबंधों में खटास और बढ़ गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि एससीओ समिट के दौरान भारत और रूस की चीन के साथ बढ़ती निकटता ने ट्रंप को आश्चर्यचकित किया और उन्हें अमेरिकी नीति के संबंध में नरमी दिखाने पर मजबूर किया।
भारत ने ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया दी
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत और रूस को चीन के हाथों जाने के बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने सीधे तौर पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कहा कि उन्होंने अमेरिकी सलाहकार पीटर नवारो के हालिया भारत विरोधी और नस्लीय बयानों को देखा है। प्रवक्ता ने कहा कि ये बयान गलत और भ्रामक हैं और भारत ने इन्हें स्पष्ट रूप से अस्वीकार किया है।
क्वाड शिखर सम्मेलन पर भी रखा ध्यान
जायसवाल ने क्वाड शिखर सम्मेलन पर भी टिप्पणी की। क्वाड, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका शामिल हैं, एक मूल्यवान मंच है जहां साझा हितों पर चर्चा की जाती है। प्रवक्ता ने कहा कि शिखर सम्मेलन चारों भागीदारों के बीच राजनयिक परामर्श के माध्यम से आयोजित होता है।
हाल ही में एससीओ सम्मेलन में भारत और रूस की चीन के साथ बढ़ती निकटता ने अमेरिका को सतर्क किया है। ट्रंप का बयान दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर बदलते राजनयिक समीकरण अमेरिका को चिंतित कर रहे हैं। भारत ने स्पष्ट किया है कि विदेशी बयान भ्रामक हैं और उसका ध्यान देशहित पर केंद्रित रहेगा।
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