”भारत ने किया खंडन, कहा – पाकिस्तान को हुआ भारी नुकसान, ट्रम्प गढ़ रहे कल्पनाएं
ट्रम्प का दावा: भारत-पाक संघर्ष में गिरे 5 फाइटर जेट, परमाणु युद्ध टला
वाशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को लेकर सनसनीखेज दावा किया है। व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था, तब पांच लड़ाकू विमान गिराए जा चुके थे और किसी भी समय परमाणु युद्ध छिड़ सकता था। ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने हस्तक्षेप कर इस टकराव को रोका और दोनों देशों के नेताओं को फोन कर चेतावनी दी कि अगर संघर्ष नहीं थमा, तो अमेरिका व्यापार बंद कर देगा।
ट्रम्प ने यह भी कहा कि यह हस्तक्षेप एक बार नहीं, बल्कि कई बार हुआ और उनकी सक्रिय भूमिका से जंग टल गई। उन्होंने कहा, “5, 5, 4 या 5, लेकिन असल में मुझे लगता है कि 5 विमान मार गिराए गए थे। उस समय हालात बेहद गंभीर थे।”
#WATCH | US President Donald Trump says, "We have stopped wars between India and Pakistan. They were probably going to end up in a nuclear war. They shot down five planes in the last attack. It was back and forth, back and forth. I called them and I said no more trade if you do… pic.twitter.com/r5BRaO11aF
— ANI (@ANI) July 23, 2025
पहले भी कर चुके हैं ऐसे दावे
ट्रम्प इससे पहले भी इसी तरह के बयान दे चुके हैं। हाल ही में एक डिनर मीटिंग में रिपब्लिकन नेताओं के सामने उन्होंने फिर दोहराया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए थे और दोनों देश एक-दूसरे के विमानों को मार गिरा रहे थे। ट्रम्प के मुताबिक, वे इस संघर्ष को रोकने के लिए बार-बार नेताओं से संपर्क में रहे।
भारत का पक्ष: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हुआ भारी नुकसान
ट्रम्प के दावों के उलट, भारत ने पाकिस्तान को हुए नुकसान की पूरी जानकारी दी है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, मई में भारतीय वायुसेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 6 फाइटर जेट, 3 एयरक्राफ्ट, 10 से अधिक ड्रोन और क्रूज मिसाइलें नष्ट की गईं। भारत ने यह कार्रवाई पाकिस्तान के पंजाब और कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाकर की थी।
भारतीय रडार सिस्टम और एयर डिफेंस यूनिट्स ने हवा में ही पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया। सुदर्शन मिसाइल सिस्टम ने लगभग 300 किमी दूर उड़ रहे एक अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट को भी ध्वस्त किया। यह विमान या तो इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस था या एईडब्ल्यूसी (Airborne Early Warning Control) था।
इसके अलावा, राफेल और सुखोई-30 विमानों ने पाकिस्तान के भोलारी एयरबेस पर भी सटीक हमले किए, जहां चीन निर्मित विंग लूंग ड्रोन सहित कई उपकरण तबाह हुए।
पाकिस्तान के दावे: “भारत के 5 से 6 विमान गिराए”
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 7 मई को संसद में दावा किया था कि उनके देश ने भारत के हमलों के जवाब में 5 भारतीय लड़ाकू विमान मार गिराए हैं। बाद में यह संख्या बढ़ाकर 6 बताई गई। 11 जुलाई को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत से अपने ‘वास्तविक नुकसान’ को स्वीकारने की मांग की।
पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा, “भारत को अब काल्पनिक कहानियों की जगह यह मान लेना चाहिए कि उसके 6 विमान मार गिराए गए हैं और कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा है।”

CDS चौहान का संतुलित जवाब: “मुद्दा संख्या का नहीं, सबक का है”
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने इस पूरे मुद्दे पर संतुलनपूर्ण और रणनीतिक दृष्टिकोण रखा। ब्लूमबर्ग को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे और हमने उनसे क्या सीखा। भारत ने अपनी कमियों को पहचाना, उनमें तेजी से सुधार किया और दो दिन के भीतर प्रभावी जवाब दिया।”
उन्होंने पाकिस्तान के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भारत के 6 विमान गिराए जाने की बात बिल्कुल झूठ है। उन्होंने कहा कि विमान गिरना युद्ध का हिस्सा हो सकता है, लेकिन भारत ने इससे सीखते हुए तकनीकी रूप से और अधिक सशक्त प्रतिक्रिया दी।
परमाणु युद्ध की स्थिति नहीं थी: भारत का स्पष्ट जवाब
ट्रम्प द्वारा परमाणु युद्ध की आशंका जताने पर भी भारत ने इसे खारिज कर दिया है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि भारत पूरी तरह सतर्क था, लेकिन ऐसी कोई परिस्थिति नहीं बनी जिसमें परमाणु हथियारों के उपयोग की आवश्यकता पड़ी हो।
: क्या ट्रम्प के दावे विश्वसनीय हैं?
ट्रम्प की राजनीतिक शैली में अक्सर अतिशयोक्ति और नाटकीयता देखी जाती रही है। इस बार भी उनके दावों को भारत ने सिरे से नकारा है और पाकिस्तान के दावों को भी तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर खारिज किया गया है। स्पष्ट है कि भारत ने न केवल आक्रामकता दिखाई, बल्कि रणनीतिक बढ़त भी हासिल की।
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