15 से 19 दिसंबर तक सदन में अनिवार्य उपस्थिति, महत्वपूर्ण बिलों और रिपोर्टों पर होगी चर्चा
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है और इसी को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी लोकसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है। भाजपा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 15 दिसंबर से 19 दिसंबर तक सभी सांसद सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। माना जा रहा है कि इस दौरान सरकार कई महत्वपूर्ण विधायी प्रस्तावों को आगे बढ़ाने की तैयारी में है, जिसको लेकर सदन में गहन चर्चा और राजनीतिक बहस देखने को मिल सकती है।
शीतकालीन सत्र के बचे दिन, सरकार का फोकस विधायी कामकाज पर
शीतकालीन सत्र के समाप्त होने में अब केवल कुछ ही दिन शेष हैं। सत्र के शुरुआती दिनों में लोकसभा और राज्यसभा दोनों में लगातार व्यवधान देखने को मिला, जिसके कारण विधायी कामकाज प्रभावित हुआ। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से कार्यवाही अपेक्षाकृत सुचारु रूप से चल रही है, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी जारी है। ऐसे माहौल में भाजपा का व्हिप जारी करना इस बात का संकेत माना जा रहा है कि सरकार इन दिनों को पूरी तरह विधायी कार्यों के लिए उपयोग करना चाहती है।
लोकसभा में आज कई अहम मुद्दों पर चर्चा की संभावना
समाचार एजेंसी के अनुसार, आज लोकसभा में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा प्रस्तावित है। सदन में प्रश्नकाल के साथ कार्यवाही की शुरुआत होगी, जिसमें सांसद विभिन्न मंत्रालयों से जुड़े सवाल पूछेंगे और संबंधित मंत्री उनके जवाब देंगे। इसके बाद कई अहम समिति रिपोर्ट और मंत्री वक्तव्य सदन के पटल पर रखे जाएंगे।
अनुदान की पूरक मांगें और विनियोग विधेयक पर नजर
आज के एजेंडे में 2025-26 के लिए अनुदान की पूरक मांगों और विनियोग (संख्या-4) विधेयक, 2025 पर भी चर्चा की संभावना जताई जा रही है। यह विधेयक सरकार के वित्तीय प्रबंधन और आगामी खर्चों से जुड़ा अहम दस्तावेज माना जाता है, जिस पर विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जा सकते हैं।
लोक लेखा समिति की रिपोर्टें होंगी पेश
लोकसभा में लोक लेखा समिति की 2025-26 की कई महत्वपूर्ण रिपोर्टें भी प्रस्तुत की जाएंगी। सांसद केसी वेणुगोपाल और मगंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी द्वारा ‘प्रोत्साहन और भत्तों के अनियमित अनुदान’ विषय पर चौंतीसवीं रिपोर्ट पेश की जाएगी। इसके साथ ही ‘राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम’ से संबंधित लोक लेखा समिति की एक सौ बयालीसवीं रिपोर्ट में दी गई टिप्पणियों और सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर पैंतीसवीं रिपोर्ट भी सदन के सामने रखी जाएगी।
सरकार बनाम विपक्ष, तीखी बहस के आसार
इन रिपोर्टों और विधेयकों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना है। विपक्ष जहां सरकार की नीतियों और खर्चों पर सवाल उठाने की रणनीति बना रहा है, वहीं सरकार अपने फैसलों का मजबूती से बचाव करने के मूड में नजर आ रही है। भाजपा द्वारा व्हिप जारी किए जाने को इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि सदन में पार्टी की एकजुट मौजूदगी बनी रहे।
आने वाले दिन रहेंगे सियासी रूप से अहम
कुल मिलाकर, शीतकालीन सत्र के ये अंतिम दिन राजनीतिक रूप से काफी अहम माने जा रहे हैं। सरकार जहां लंबित विधायी कार्यों को निपटाने की कोशिश में है, वहीं विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है। ऐसे में संसद के दोनों सदनों में आने वाले दिनों में राजनीतिक हलचल और तेज होने के आसार हैं।
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