अदीस अबाबा में संयुक्त संसद को किया संबोधित, ऐतिहासिक रिश्तों और साझा मूल्यों पर दिया जोर
अदीस अबाबा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इथियोपिया दौरे का दूसरा दिन कूटनीतिक, सांस्कृतिक और वैचारिक रूप से बेहद अहम रहा। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने सबसे पहले अदीस अबाबा स्थित अदवा विजय स्मारक पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और इसके बाद इथियोपिया की संयुक्त संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया। अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के विकास मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ को दोहराते हुए इसे लोकतांत्रिक और समावेशी शासन की आधारशिला बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत इथियोपिया सरकार द्वारा दिए गए सर्वोच्च सम्मान ‘निशान-ए-इथियोपिया’ के लिए आभार व्यक्त करते हुए की। उन्होंने कहा कि यह सम्मान केवल उनका व्यक्तिगत नहीं, बल्कि भारत की 140 करोड़ जनता का सम्मान है। प्रधानमंत्री ने इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद और उनकी सरकार का धन्यवाद करते हुए दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता और विश्वास को रेखांकित किया।
इथियोपिया की सभ्यता और आत्मनिर्भरता की सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में इथियोपिया को दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक बताया। उन्होंने कहा कि इथियोपिया का इतिहास केवल किताबों में नहीं, बल्कि यहां की पहाड़ियों, गांवों और आम लोगों के दिलों में जीवित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इथियोपिया अपने पैरों पर खड़ा है और पुराने व नए का संतुलन ही इसकी असली ताकत है। उन्होंने इस ऊर्जा को भारतीय अनुभव से जोड़ते हुए कहा कि भारत भी परंपरा और आधुनिकता के इसी संतुलन के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विकास का रास्ता तभी मजबूत होता है, जब समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चला जाए। इसी भावना से भारत ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ को अपना मार्गदर्शक मंत्र बनाया है।
राष्ट्रगीतों में समान भावनात्मक जुड़ाव
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और इथियोपिया के राष्ट्रगीतों का उल्लेख करते हुए दोनों देशों के सांस्कृतिक साम्य को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत का ‘वंदे मातरम’ और इथियोपिया का राष्ट्रगीत, दोनों ही देश को मां के रूप में देखते हैं। यह सोच हमें अपनी संस्कृति, विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और मातृभूमि की रक्षा का संदेश देती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही भावनात्मक जुड़ाव भारत और इथियोपिया को एक-दूसरे के और करीब लाता है।
अदवा विजय स्मारक पर श्रद्धांजलि, स्वतंत्रता संग्राम को नमन
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अदवा विजय स्मारक पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। यह स्मारक वर्ष 1896 में अदवा की ऐतिहासिक लड़ाई में इथियोपियाई सेना की जीत और स्वतंत्रता की रक्षा का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने फूलमाला अर्पित कर इथियोपिया के वीर योद्धाओं को नमन किया और स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्ष को सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि भारत और इथियोपिया दोनों ही औपनिवेशिक दमन के खिलाफ संघर्ष की साझा विरासत रखते हैं, जो दोनों देशों को ऐतिहासिक रूप से जोड़ती है।
प्रधानमंत्री अबी अहमद के साथ बैनक्वेट डिनर
अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली के साथ बैनक्वेट डिनर में भी भाग लिया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर को बेहद भावनात्मक बताते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि यह पल खास है, क्योंकि भारत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है। डिनर के दौरान जब वंदे मातरम की धुन बजाई गई, तो प्रधानमंत्री मोदी ने हाथ हिलाकर उपस्थित लोगों का अभिवादन किया। उन्होंने इसे भारत और इथियोपिया के सांस्कृतिक संबंधों और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल द्विपक्षीय कूटनीति तक सीमित नहीं, बल्कि साझा इतिहास, सांस्कृतिक मूल्यों और विकास की समान सोच को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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