दीवार तोड़कर फैक्ट्री में घुसे प्रदर्शनकारी, ऑफिस फूंका; पुलिस-किसान भिड़ंत में 50 से अधिक घायल, 14 गाड़ियां जलाईं

हनुमानगढ़ । राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एथेनॉल फैक्ट्री के निर्माण को लेकर शुरू हुआ विवाद अब बड़े आंदोलन का रूप ले चुका है। लगातार दो दिनों से जिले के टिब्बी क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण है। गुरुवार सुबह से ही बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण प्रदर्शन स्थल के नजदीक बने गुरुद्वारे में जमा होना शुरू हो गए हैं। वहीं प्रशासन ने इंटरनेट बंद रखते हुए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है। किसानों और कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि जब तक फैक्ट्री निर्माण पूरी तरह रोका नहीं जाता, आंदोलन जारी रहेगा। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि फैक्ट्री के आसपास रहने वाले लगभग 30 परिवार बीते रात अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। ग्रामीणों का कहना है कि स्थिति किसी भी वक्त और भड़क सकती है।

फैक्ट्री की दीवार तोड़कर अंदर घुसे किसान, ऑफिस में लगाई आग

बुधवार को जिले के राठीखेड़ा गांव में स्थित निर्माणाधीन ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री पर किसानों का विरोध हिंसक हो गया। गुस्साए किसानों ने फैक्ट्री की बाहरी दीवार तोड़ दी और अंदर प्रवेश कर लिया। इसके बाद उन्होंने फैक्ट्री के ऑफिस में आग लगा दी, जिससे अंदर मौजूद दस्तावेज और सामग्री जलकर खाक हो गई। किसानों का आरोप है कि फैक्ट्री की स्थापना से भूजल संकट गहरा जाएगा और जमीन प्रदूषित होगी। उनका कहना है कि ग्रामीणों की आपत्तियों के बावजूद बिना सहमति फैक्ट्री को मंजूरी दी गई।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों में जमकर पत्थरबाजी, लाठीचार्ज और आंसू गैस

फैक्ट्री में घुसने के बाद हालात बिगड़ने पर पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन किसान और अधिक उग्र हो गए। दोनों ओर से जमकर पत्थरबाजी हुई। स्थिति काबू से बाहर होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। झड़प में 50 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इनमें पुलिसकर्मी, ग्रामीण तथा प्रदर्शनकारी शामिल हैं। हंगामे के दौरान कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया के सिर पर भी चोट आई है।

गुस्साए किसानों ने 14 गाड़ियां जलाईं

हिंसा के दौरान उग्र भीड़ ने फैक्ट्री परिसर और आसपास खड़ी 14 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। लपटें कई किलोमीटर दूर से दिखाई दे रही थीं। इसके चलते पूरे इलाके में दहशत फैल गई और लोग अपने घरों में कैद होने पर मजबूर हो गए।

टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट बंद, स्कूल-कॉलेजों में ताले

बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रशासन ने टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। बुधवार और गुरुवार को इलाके के स्कूल और कॉलेज बंद रहे, ताकि किसी प्रकार की अफवाह या भीड़ एकत्रित होने की स्थिति न बने। पुलिस और प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है और क्षेत्र में भारी सुरक्षा तैनात कर दी गई है।

किसानों की मांगें और बढ़ती बेचैनी

किसानों का कहना है कि एथेनॉल फैक्ट्री से पर्यावरण और जल संकट बढ़ेगा तथा गांव का जीवन प्रभावित होगा। प्रदर्शनकारियों का यह भी आरोप है कि ग्राम सभा की अनुमति के बिना निर्माण शुरू कर दिया गया, जो नियमों के खिलाफ है। कांग्रेस नेताओं ने भी किसानों के समर्थन में धरना दिया है और सरकार से मांग की है कि किसानों की सभी आपत्तियों का समाधान होने तक निर्माण पूरी तरह रोका जाए।

प्रशासन की अपील—शांति बनाए रखें, वार्ता के लिए तैयार

उधर जिला प्रशासन ने कहा है कि कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी, लेकिन शांति बनाए रखने के लिए वार्ता के दरवाजे खुले हैं। अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता न अपनाएं और अपनी मांगें बातचीत के माध्यम से रखें। वर्तमान में हनुमानगढ़ का टिब्बी क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है और स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण बनी हुई है।