एयरलाइंस को हर देरी की वजह बतानी होगी, 72 घंटे में रिपोर्ट अनिवार्य; इंडिगो संकट के बाद नियम सख्त
नई दिल्ली । देश के विमानन क्षेत्र में पहली बार तकनीकी खामियों की निगरानी को लेकर बड़ी और सख्त व्यवस्था लागू की गई है। उड़ानों में लगातार बढ़ती देरी, कैंसल होने की घटनाएं और हाल के सुरक्षा संकटों ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को डिफेक्ट रिपोर्टिंग सिस्टम पूरी तरह बदलने पर मजबूर कर दिया है। नए 12 पेज के आदेश के तहत अब किसी भी निर्धारित उड़ान में यदि तकनीकी वजह से 15 मिनट या उससे अधिक की देरी होती है, तो उसकी जांच अनिवार्य होगी।
अब एयरलाइन को यह बताना होगा कि देरी क्यों हुई, उसे किस तरह ठीक किया गया, और आगे ऐसी स्थिति दोबारा न हो इसका क्या इंतजाम किया गया। यह ऐसी व्यवस्था है जो पहले कभी लागू नहीं थी। किसी बड़े तकनीकी दोष की तुरंत फोन पर डीजीसीए को सूचना देनी होगी और 72 घंटे में विस्तृत रिपोर्ट अनिवार्य रूप से भेजनी होगी।
यदि कोई तकनीकी गड़बड़ी तीन बार दोहराई जाती है, तो उसे रिपीटेटिव डिफेक्ट माना जाएगा और उस पर विशेष जांच शुरू होगी। डीजीसीए ने यह सख्ती इसलिए भी बढ़ाई है क्योंकि अब तक तकनीकी खामियों की रिपोर्टिंग प्रणाली कमजोर मानी जा रही थी और देरी की जांच का ऐसा प्रावधान मौजूद नहीं था।
इंडिगो संकट के बाद नियमों में तत्काल बदलाव
डीजीसीए के नए आदेश इंडिगो के हालिया बड़े संकट के बाद सामने आए हैं। पिछले आठ दिनों में क्रू से जुड़े गंभीर प्रबंधन संकट के कारण इंडिगो की 5000 से अधिक उड़ानें रद्द हो गईं।
संकट के नौ दिन बाद इंडिगो चेयरमैन विक्रम सिंह मेहता ने सामने आकर वीडियो संदेश जारी किया और यात्रियों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि कंपनी हर पहलू की जांच करवाएगी, और इसमें बाहरी तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल होंगे ताकि असली कारणों का पता लगाया जा सके।
11 एयरपोर्ट पर इंडिगो ऑपरेशंस की ऑन-साइट जांच होगी
डीजीसीए ने बताया कि आने वाले 2–3 दिनों में वरिष्ठ अधिकारी देश के 11 प्रमुख एयरपोर्ट पर जाकर इंडिगो के परिचालन की ऑन-साइट जांच करेंगे। इन एयरपोर्ट में शामिल हैं—
नागपुर, जयपुर, भोपाल, सूरत, तिरुपति, विजयवाड़ा, शिरडी, कोचीन, लखनऊ, अमृतसर और देहरादून।
निरीक्षण दल अपनी रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर नई दिल्ली स्थित डीजीसीए फ्लाइट सेफ्टी डिपार्टमेंट के ऑपरेशंस डायरेक्टर को सौंपेंगे।
डीजीसीए भी जांच के दायरे में, मंत्री ने उठाए गंभीर सवाल
इंडिगो संकट पर अब न सिर्फ एयरलाइन, बल्कि स्वयं डीजीसीए भी केंद्र सरकार की जांच के रडार पर है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि यह मामला सामान्य चूक नहीं लगता और इसमें जानबूझकर लापरवाही के संकेत दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने यात्रियों से माफी मांगते हुए कहा कि जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार यह जांच कर रही है कि संकट अचानक कैसे पैदा हुआ और ऑपरेशंस जारी होने के बावजूद हालात क्यों बिगड़े। जब उनसे पूछा गया कि क्या इंडिगो के CEO को हटाया जा सकता है, तो उन्होंने कहा— “ज़रूरत पड़ी तो जरूर हटाया जाएगा। जो भी कानूनी कार्रवाई बनती है, वह की जाएगी।” नायडू ने बताया कि वे पिछले सात दिनों से लगातार बैठकों में व्यस्त रहे और मुश्किल से सो पाए, क्योंकि प्राथमिकता यात्रियों की परेशानी दूर करना है।
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