- केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने दी जानकारी
नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने पिछले तीन दिनों में अपने कई परीक्षणों में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल की है। ये परीक्षण इस महीने के अंत तक जारी रहेंगे। उसके बाद देशभर के रेल यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए यह विश्वस्तरीय सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी।
कोटा डिवीजन में सफल परीक्षण का एक वीडियो साझा करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर एक पोस्ट में ट्रेन की गति का उल्लेख किया। वीडियो में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के अंदर एक मोबाइल के बगल में पानी से भरा गिलास दिखाया गया है। वीडियो में पानी का स्तर स्थिर देखा जा सकता है। चलती ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम और स्थिर गति प्राप्त करती है। हाई-स्पीड रेल यात्रा में वंदे भारत यात्रियों को आराम का अनुभव कराती है। मंत्रालय के अनुसार, यह पोस्ट तीन दिनों के सफल परीक्षण के बाद आया है, जो 2 जनवरी को संपन्न हुआ, जिसमें वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने अपनी अधिकतम गति को छू लिया था।
बूंदी में गुरुवार को कोटा में परीक्षण
राजस्थान के बूंदी जिले में गुरुवार को कोटा और लबान के बीच 30 किलोमीटर लंबे ट्रायल रन के दौरान ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की। वर्ष 2025 के पहले दिन रोहल खुर्द से कोटा के बीच 40 किलोमीटर लंबे ट्रायल रन में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की। इसी दिन कोटा-नागदा और रोहल खुर्द-चौमहला सेक्शन पर 170 किलोमीटर प्रति घंटे और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की। अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) लखनऊ की निगरानी में ये ट्रायल जनवरी महीने तक जारी रहेंगे।
अंतिम चरण में सफलता के बाद नियमित सेवा
मंत्रालय ने कहा कि एक बार ये परीक्षण पूरे हो जाने के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा अधिकतम गति पर ट्रेन का मूल्यांकन किया जाएगा। अंतिम चरण में सफल होने के बाद ही वंदे भारत ट्रेनों को आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया जाएगा और उन्हें भारतीय रेलवे को शामिल करने और नियमित सेवा के लिए सौंप दिया जाएगा। इन वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को स्वचालित दरवाजे, बेहद आरामदायक बर्थ, ऑन बोर्ड वाई-फाई और विमान जैसी डिज़ाइन जैसी सुविधाओं के साथ डिज़ाइन किया गया है। देश में यात्री पहले से ही मध्यम और छोटी दूरी पर चलने वाली 136 वंदे भारत ट्रेनों के माध्यम से शयन सीटों और विश्व-स्तरीय यात्रा अनुभव का आनंद ले रहे हैं।