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अंतरिक्ष में यातायात जाम: 14,000 सैटेलाइट और मलबे से बढ़ा खतरा

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अंतरिक्ष में यातायात जाम: 14,000 सैटेलाइट और मलबे से बढ़ा खतरा

वाशिंगटन: धरती की कक्षा में जहां एक ओर ट्रैफिक जाम एक आम समस्या बन चुका है, वहीं अब अंतरिक्ष भी इस समस्या से अछूता नहीं रह गया है। वर्तमान में पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में 14,000 से ज्यादा उपग्रह परिक्रमा कर रहे हैं, जिनमें से कई निष्क्रिय हो चुके हैं। साथ ही, उपग्रहों के टकराव और प्रक्षेपणों से पैदा हुआ मलबा अंतरिक्ष में खतरे की स्थिति पैदा कर रहा है, जो न केवल वैज्ञानिक और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए, बल्कि अंतरिक्ष यातायात के लिए भी बड़ा संकट बन चुका है। अंतरिक्ष विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यह अहम क्षेत्र जल्द ही अनुपयोगी हो सकता है।

उपग्रहों के मलबे से बढ़ रहा खतरा

रिपोर्ट्स के अनुसार, पृथ्वी की कक्षा में 12 करोड़ टुकड़ों में बंटा उपग्रह मलबा तेजी से घूम रहा है। इन टुकड़ों के कारण अंतरिक्ष में टकराव का खतरा बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र के अंतरिक्ष यातायात समन्वय पैनल ने हाल ही में पृथ्वी की निचली कक्षा का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस पहल का उद्देश्य उपग्रहों और मलबे के बीच टकराव को कम करना है।

सामूहिक प्रयास की आवश्यकता

पैनल की सह-अध्यक्ष और बाहरी अंतरिक्ष मामलों की निदेशक, आरती होला मैनी ने कहा, “अंतरिक्ष यातायात समन्वय पर तुरंत कार्रवाई की जरूरत है। देशों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान जरूरी है ताकि उपग्रहों के टकराव से बचा जा सके।” अंतरिक्ष की निचली कक्षा का सुरक्षित रहना वैश्विक संचार, नेविगेशन प्रणाली और वैज्ञानिक रिसर्च के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली स्थापित करने की आवश्यकता है, जिससे उपग्रहों के टकराव की संभावना कम हो सके। हालांकि, कुछ देश सुरक्षा कारणों से डेटा साझा करने में हिचकिचा रहे हैं, जिससे समस्या और जटिल हो रही है।

निजी कंपनियों की बढ़ती भागीदारी से स्थिति और बिगड़ी

हाल के वर्षों में अंतरिक्ष में बढ़ती गतिविधियों ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। विशेष रूप से वाणिज्यिक उपग्रहों के लॉन्च से अंतरिक्ष में मलबे की स्थिति और बिगड़ी है। एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी द्वारा हजारों उपग्रहों के लॉन्च से इस खतरे में और बढ़ोतरी हुई है। अनुमान है कि आने वाले वर्षों में हजारों और उपग्रह लॉन्च किए जा सकते हैं, जिससे टकराव और अरबों डॉलर का नुकसान होने का खतरा उत्पन्न हो सकता है।

टकराव और विस्फोटों के कारण बढ़ता खतरा

हाल के समय में उपग्रहों के टकराव और विस्फोटों ने स्थिति को और ज्यादा गंभीर बना दिया है। अगस्त में एक चीनी रॉकेट में विस्फोट होने से उसका मलबा पृथ्वी की कक्षा में फैल गया। इसी तरह जून में रूस के एक निष्क्रिय सैटेलाइट के विस्फोट के कारण उसका मलबा अंतरिक्ष में फैल गया और इसके कारण अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्रियों की जान पर भी बन आई थी। इन घटनाओं से यह साबित होता है कि मलबे और उपग्रहों के टकराव से अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भी खतरा बढ़ चुका है।

निष्कर्ष:
अंतरिक्ष में बढ़ते यातायात के कारण भविष्य में उपग्रहों के बीच टकराव और मलबे से होने वाली घटनाओं के जोखिम को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है, ताकि उपग्रहों और मलबे से होने वाले खतरों को नियंत्रित किया जा सके और पृथ्वी की कक्षा को सुरक्षित रखा जा सके।

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