अल-फलाह विश्वविद्यालय का वार्ड बॉय निकला मुख्य सहयोगी, एनआईए ने मॉड्यूल की कड़ी जोड़ते हुए की 7वीं गिरफ्तारी

एनआईए की बड़ी छापेमारी, सुसाइड हमलावर के सहयोगी पर शिकंजा

दिल्ली के लालकिला बम धमाका मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। एजेंसी ने आतंकी डॉ. उमर नबी के बेहद करीबी सहयोगी शोएब को फरीदाबाद के धौज गांव से गिरफ्तार कर लिया।

शोएब हरियाणा स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय में वार्ड बॉय के रूप में कार्यरत था, लेकिन गुप्त रूप से आतंकी गतिविधियों में सहायता करता रहा।

शोएब ने कैसे दी उमर नबी को मदद?

जांच में सामने आए महत्वपूर्ण बिंदु:

शोएब ने उमर नबी को विस्फोटक सामग्री लाने-ले जाने में मदद की

उसने नूंह में अपनी साली अफसाना के घर में उमर के लिए कमरा किराए पर दिलवाया

धमाके से पहले उमर नबी 10 दिन तक वहीं रुका था

शोएब लगातार उमर के संपर्क में रहा और आतंकी गतिविधियों में सहयोग करता रहा

यह गिरफ्तारी इस केस में 7वीं गिरफ्तारी है।

मॉड्यूल के पीछे की गहरी साजिश उजागर

एनआईए की जांच में पता चला है कि यह आतंकी नेटवर्क सिर्फ एक-दो लोगों तक सीमित नहीं था, बल्कि एक संगठित मॉड्यूल के रूप में सक्रिय था।

आतंकी डॉ. मुजम्मिल शकील की निशानदेही के बाद खुला नया पन्ना

मुजम्मिल की जानकारी के आधार पर एनआईए अब:

डॉ. आदिल अहमद

डॉ. शाहीन सईद

को भी अल-फलाह विश्वविद्यालय में ले जाकर जांच करेगी।

आदिल और उमर नबी का पुराना संबंध

जांच में यह भी सामने आया कि:

आदिल और उमर नबी कई वर्षों से एक-दूसरे को जानते थे

दोनों अनंतनाग के सरकारी अस्पताल में साथ काम कर चुके थे

बाद में आदिल सहारनपुर और उमर अल-फलाह विश्वविद्यालय में तैनात हुए, लेकिन संपर्क बना रहा

आदिल कई बार विश्वविद्यालय जाकर उमर से मिला और उसके छात्रावास वाले फ्लैट में रहा

आतंकी मॉड्यूल में शाहीन सईद की भूमिका सबसे चिंताजनक

एनआईए के अनुसार:

डॉ. शाहीन सईद इस मॉड्यूल की महत्वपूर्ण सदस्य थी

वह विश्वविद्यालय की पाठ्यक्रम समिति में तीसरे स्थान पर थी

उसकी जिम्मेदारी नए लोगों को नेटवर्क में शामिल करना थी

वह अपने विचारों से छात्रों को मानसिक रूप से प्रभावित करती थी

मॉड्यूल के विस्तार में उसकी भूमिका प्रमुख थी

विस्फोटक सामग्री की योजना किसने बनाई?

सूत्रों के अनुसार:

आदिल ने ही फतेहपुरा तगा और धौज गांव में विस्फोटक सामग्री इकट्ठा करने की योजना सुझाई थी

यह प्रक्रिया गुप्त रूप से कई महीनों से चल रही थी

एनआईए अब इन गांवों में भी गहराई से जांच कर रही है।

अगले कदम: नेटवर्क का पूरा खाका सामने लाना

एनआईए की टीम अब:

उमर नबी

आदिल

शाहीन

और अन्य गिरफ्तार आरोपियों के
डिजिटल रिकॉर्ड, कॉल डिटेल, मोबाइल डेटा और लोकेशन इतिहास का विश्लेषण कर रही है।

जांच एजेंसियों का मानना है कि जल्द ही इस आतंकी मॉड्यूल की पूरी संरचना, विदेशी संपर्क और फंडिंग नेटवर्क का खुलासा हो जाएगा।

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